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Pakistan में खाने के लिए लाइन में खड़े लोगों की फोटो 13 साल पुरानी है

फोटो अगस्त 2010 की है और पाकिस्तान के सुक्कुर में एक राहत शिविर में बाढ़ पीड़ितों को दिखाती है.

ऐश्वर्या वर्मा
वेबकूफ
Published:
<div class="paragraphs"><p>फोटो अगस्त 2010 की है और पाकिस्तान के सुक्कुर में एक राहत शिविर में बाढ़ पीड़ितों को दिखाती है.</p></div>
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फोटो अगस्त 2010 की है और पाकिस्तान के सुक्कुर में एक राहत शिविर में बाढ़ पीड़ितों को दिखाती है.

(फोटो: Altered by The Quint)

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सोशल मीडिया पर एक लंबी लाइन में लगे लोगों की फोटो वायरल हो रही है. लाइन में लगे लोगों के हाथों में बर्तन दिख रहे हैं.

क्या है दावा?: फोटो को पाकिस्तान (Pakistan) का बताकर शेयर किया जा रहा है और दावा किया जा रहा है कि ये ''परमाणु शक्ति संपन्न देश की फोटो है जो कश्मीर चाहता है'', लेकिन एक गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है जहां खाने की कीमतों में भारी वृद्धि हुई है.

पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/ट्विटर)

(सोशल मीडिया पर ऐसे और भी पोस्ट के आर्काइव आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.)

सच क्या है?: फोटो करीब 13 साल पुरानी है.

  • फोटो अगस्त 2010 की है और पाकिस्तान के सुक्कुर में एक राहत शिविर में बाढ़ पीड़ितों को दिखाती है.

हमने सच का पता कैसे लगाया?: हमने वायरल फोटो को रिवर्स इमेज सर्च किया.

  • इससे हमें CNN पर 24 अगस्त 2010 को पब्लिश एक रिपोर्ट मिली.

ये रिपोर्ट अगस्त 2010 में पब्लिश हुई थी.

(सोर्स: CNN/Altered by The Quint)

  • स्टोरी के मुताबिक, फोटो 23 अगस्त 2010 की है जिसमें पाकिस्तान के सुक्कूर में एक राहत शिविर में खाने और पानी के लिए लाइन में खड़े बाढ़ पीड़ित दिख रहे हैं.

  • CNN ने सहायताकर्मियों के हवाले से बताया था कि सुक्कूर में बाढ़ से 8000 से 10000 लोग प्रभावित हुए थे. और तब 3 हफ्तों की बाढ़ की वजह से पाकिस्तान का ज्यादातर हिस्सा बाढ़ से प्रभावित हुआ था, जिस वजह से करीब 40 लाख लोग बेघर हो गए थे.

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  • पाकिस्तानी न्यूज पब्लिकेशन The Express Tribune ने भी 2010 के अपने एक आर्टिकल में ये तस्वीर इस्तेमाल की थी.

  • इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रैटेजिक स्टडीज, इस्लामाबाद (ISSI) ने भी खाद्य सुरक्षा की चुनौतियों के बारे में 2021 की एक सरकारी रिपोर्ट में भी इस तस्वीर का इस्तेमाल किया था.

इस फोटो का इस्तेमाल ISSI ने भी किया था

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/ISSI/Altered by The Quint)

निष्कर्ष: ये फोटो अगस्त 2010 की है और इसका पाकिस्तान में चल रहे हालिया खाद्य और आर्थिक संकट से कोई संबंध नहीं है.

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