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सोशल मीडिया पर विरोध प्रदर्शन का एक वीडियो शेयर हो रहा है, जिसमें एक रेस्टोरेंट में तोड़फोड़ और कचरे के डिब्बे और बैरिकेड्स जलते हुए देखा जा सकता है. वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि पेरिस (Paris) में 'प्रवासियों' ने ये अराजकता फैलाई है.
कुछ यूजर्स ने भारत के अलग-अलग हिस्सों में हुई हिंसा का जिक्र करते हुए, इस वीडियो को व्यंग्यात्मक रूप से रामनवमी (Ramnavmi) के दौरान हुई रैलियों से जोड़कर भी शेयर किया है.
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सच क्या है?: वीडियो पेरिस का ही है, लेकिन इसका प्रवासियों या रामनवमी से कोई संबंध नहीं है.
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने पेंशन सुधार पेश किया था. इसके खिलाफ जनवरी से पेरिस में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.
हमने सच का पता कैसे लगाया?: जरूरी कीवर्ड का इस्तेमाल कर सर्च करने पर हमें स्टॉक इमेज वेबसाइट Alamy पर एक फोटो मिली.
इस फोटो में प्रदर्शनकारियों को पेरिस में मैकडॉनल्ड्स रेस्टोरेंट की खिड़की तोड़ते हुए दिख रहे हैं.
ये तस्वीर 23 मार्च 2023 की है.
ये तस्वीर Alamy पर अपलोड की गई थी.
(फोटो: Altered by The Quint)
हमें Guardian News पर 24 मार्च को शेयर किया गया एक ऐसा ही वीडियो मिला, जिसमें लोगों को मैकडॉनल्ड्स में तोड़फोड़ करते देखा जा सकता है.
डिस्क्रिप्शन के मुताबिक, मैक्रों के पेंशन सुधारों के खिलाफ 23 मार्च को पूरे फ्रांस में विरोध प्रदर्शन 9वां दिन था.
इसके अलावा, हमें Alamy पर कचरे के डिब्बे, साइकिल और लकड़ी के जलने के विजुअल से मिलती-जुलती एक और फोटो मिली.
Alamy पर शेयर की गई ये फोटो अलग एंगल से खींची गई थी.
डिस्क्रिप्शन के मुताबिक, ये फोटो 23 मार्च को आइल डी फ्रांस, पेरिस में विरोध प्रदर्शन के दौरान खींची गई थी.
ये फोटो 23 मार्च 2023 को खींची गई थी.
(फोटो: Altered by The Quint)
हमें Reuters की एक रिपोर्ट भी मिली, जिसके मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने पूरे पेरिस में कूड़ेदानों में आग लगा दी.
इस रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि दक्षिण-पश्चिमी शहर बोर्डो में करीब 300 लोग इकट्ठा हुए और 'मैक्रों, इस्तीफ दो!' का नारा लगाते हुए डिब्बों में आग लगा दी.
वायरल वीडियो में लाल रंग का एक बड़ा गुब्बारा भी दिख रहा है जिसमें सफेद रंग में कुछ लिखा हुआ है. हमें विरोध प्रदर्शनक की तस्वीरों के बीच Alamy पर ऐसे ही गुब्बारे की फोटो मिली.
23 मार्च को अपलोड की गई इस फोटो के कैप्शन के मुताबिक, इसे पेरिस में पेंशन सुधार कानून के विरोध के दौरान लाया गया था.
गुब्बारे के एक तरफ सफेद रंग में "Solidaires" लिखा था, जो ट्रेड यूनियनों का एक फ्रांसीसी समूह है.
इस प्रोटेस्ट में अलग-अलग रंगों के ऐसे ही कई गुब्बारे शामिल किए गए थे
(फोटो: Altered by The Quint)
New York Times पर भी 23 मार्च को गुब्बारे की ऐसी ही एक तस्वीर छपी थी.
रिपोर्ट के मुताबिक, मैक्रों ने सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाकर 64 कर दी, जिसके बाद पेरिस में बड़े पैमाने पर और लंबे समय तक विरोध प्रदर्शन हुए.
आर्टिकल में पेंशन सुधारों को लेकर पेरिस में हो रहे विरोध के बारे में बात की गई है
(फोटो: Altered by The Quint)
विरोध प्रदर्शन के बारे में: मैक्रों ने रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाकर 64 करने का फैसला किया, जिसके बाद फ्रांस के लोग बिल के विरोध में सड़कों पर उतर आए.
सफाई कर्मचारियों ने हड़ताल कर दी, जिससे सड़कसों पर टनों कचरा जमा हो गया.
विरोध और हड़ताल 6 मार्च से शुरू होकर 29 मार्च तक चली.
Associated Press के मुताबिक, पेरिस की सड़कों में 10 मिलियन किलोग्राम से ज्यादा कचरा जमा हो गया था.
Agence France-Presse (AFP) पर पेरिस में हुए विरोध प्रदर्शन और कचरे के डिब्बे जलाने और आंसू गैस फेंकते पुलिस के कई यूट्यूब वीडियो शेयर किए गए.
हालांकि, किसी भी रिपोर्ट में ऐसा नहीं बताया गया है कि किसी विशेष धर्म से जुड़े लोगों ने प्रदर्शन किया.
निष्कर्ष: पेरिस में पेंशन सुधारों के खिलाफ हुए प्रदर्शन का वीडियो झूठे सांप्रदायिक दावे से शेयर किया जा रहा है.
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