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सोशल मीडिया पर एक भीड़ द्वारा सड़क रोके जाने का एक वीडियो इस दावे के साथ शेयर हो रहा है, कि इसके पीछे 'शांतिप्रिय' (एक ऐसा शब्द जो तंज के रूप में मुस्लिमों के लिए इस्तेमाल किया जाने लगा है, इस संबंध में कि इस्लाम 'शांति का धर्मं' है) हैं. इस वीडियो में आगे कहा गया है, "हिंदुओं जागो."
हमने पाया कि ये वीडियो हिमाचल प्रदेश के चंबा का है और दोनों ही पक्षों के लोग- जो सड़क रोक रहे हैं और जो शिकायत कर रहे हैं - मुस्लिम समुदाय के हैं.
वीडियो के साथ कैप्शन में कि गए दावे में लिखा है: "ये वीडियो उत्तराखण्ड के tehri का है, यहाँ शांतिप्रिय मुल्ला समुदाय गाँव का रास्ता बंद करके गाँव वालों को तलवार से काट ने की धमकी दे रहे हैं. मुस्कुराईये आप हिंदुस्तान मे हैं अरे जागो हिंदुओं जागो"
फेसबुक और ट्विटर पर कई सोशल मीडिया यूजर्स ने इस वीडियो को इसी दावे के साथ शेयर किया.
हमने पूरा वीडियो देखा और एक शख्स को 'एसपी चंबा' से जरूरी कार्रवाई के लिए निवेदन करते सुना. हमें यूट्यूब पर हाल ही में अपलोड हुआ एक वीडियो भी मिला, जिसमें ये कहा गया है कि वीडियो हिमाचल प्रदेश के चंबा का है.
विवाद के बारे में बताते हुए रिपोर्टर ने कहा, "एक पुरानी सड़क थी, जो पुश्तैनी थी. जो लोग सड़क रोक कर रहे थे, उन्होंने नई सड़क के निर्माण के लिए अपनी जमीन का एक हिस्सा दान कर दिया. उन्होंने कहा कि जब हम आपको नई सड़क दे रहे हैं, तो पुरानी सड़क की क्या जरूरत है."
उन्होंने ये भी बताया कि इस मामले में शामिल दो-तीन परिवारों की आपस में नहीं बनती और इसलिए उन्होंने ये वीडियो बनाया, जो कि वायरल हो गया.
हमने सड़क को ब्लॉक करने का विरोध कर रहे परिवारों में से एक के सदस्य, सुभंदीन से भी संपर्क किया. उन्होंने भी कहा कि मामले में शामिल सभी लोग मुस्लिम हैं.
जब उनसे वीडियो में सुनाई दे रही जान से मारने की धमकी को लेकर सवाल किया, तो उन्होंने कहा, "वो ऐसे ही गुस्से में बना दिया वीडियो उस टाइम, ऐसे ही होता है."
क्विंट से बात करते हुए, इस मामले को देख रहे असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर, पुष्पेंद्र ने बताया कि दोनों पक्ष मुस्लिम हैं और मामले का अब समाधान हो गया है.
इससे साफ होता है कि हिमाचल प्रदेश के चंबा के एक वीडियो को झूठा सांप्रदायिक रंग देकर और उत्तराखंड का बताकर शेयर किया जा रहा है.
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