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मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के कटनी जिले के एक गांव का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसमें वाजिद खान नाम के एक शख्स की जीत का जश्न मनाते लोग देखे जा सकते हैं. दावा किया जा रहा है कि जश्न के दौरान 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाए गए.
ये झूठा दावा न सिर्फ सोशल मीडिया यूजर्स ने शेयर किया, बल्कि Dainik Bhaskar, Times Now, News Nation और OpIndia Hindi जैसे कई न्यूज चैनल ने भी शेयर किया है.
हालांकि, वीडियो धीमा करके सुनने पर, हमने पाया कि लोग 'वाजिद भाई जिंदाबाद' के नारे लगा रहे थे, न कि 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे. हमें उसी समय के और भी वीडियो मिले, जिनके मुताबिक ये दावा झूठा निकला.
मामले की फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी में जांच चल रही है. हालांकि, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के मुताबिक शुरुआती जांच से पता चला है कि 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे नहीं लगाए गए थे.
वीडियो को Dainik Bhaskar ने इस हेडलाइन से शेयर किया था, "मुस्लिम प्रत्याशी की जीत पर गूंजा 'पाकिस्तान जिंदाबाद':कटनी में सरपंच के समर्थकों ने लगाए ‘पाकिस्तान जीत गया’ के नारे; सामने आया|"
ये दावा OpIndia Hindi और Kreately जैसी राइट विंग प्रोपेगेंडा वेबसाइट ने भी शेयर किया गया. दावे को RSS के मुखपत्र Panchjanya ने भी शेयर किया है.
कई सोशल मीडिया यूजर्स सहित इस दावे को शेयर करने वालों में Panchjanya के कोऑर्डिनेटर और Sudarshan News के एक रिपोर्टर ने भी शेयर किया है.
इसके अलावा, Times Now, News Nation, Jagran, Amar Ujala, One India न्यूज ऑर्गनाइजेशन्स ने भी ये दावा शेयर किया है.
हमने वीडियो को 75 प्रतिशत तक धीमा करके ध्यान से सुना. हमने पाया कि भीड़ में लोग 'वाजिद भाई जिंदाबाद' और 'वाजिद भाई जीत गए' के नारे लगा रहा हैं.
हमने वाजिद खान से संपर्क किया. उन्होंने इन दावों को गलत बताया. उन्होंने कहा कि वो और उनकी पत्नी समुदाय के सक्रिय सदस्य हैं और उनकी पत्नी ने सरपंच पद के लिए चुनाव लड़ा था. हालांकि उनका मन नहीं था, लेकिन लोगों के जोर देने पर उन्होंने चुनाव लड़ा.
उन्होंने आरोप लगाया कि लोगों को ये पसंद नहीं आया कि कोई मुस्लिम शख्स जीते. इसीलिए, वीडियो को शेयर कर 'प्रोपेगेंडा' फैलाया जा रहा है, ताकि उनको और उनकी पत्नी को बेइज्जत किया जा सके. उन्होंने हमें इस घटना का दूसरे एंगल से लिया गया वीडियो भेजा. इस वीडियो में भी लोगों को 'वाजिद भाई जिंदाबाद' के नारे लगाते सुना जा सकता है.
ये घटना 1 जुलाई को नतीजों की घोषणा के बाद की है. CSP कटनी विजय प्रताप सिंह ने 2 जुलाई को मीडियाकर्मियों को बताया कि घटना से जुड़ा केस रजिस्टर कर लिया गया है और इसकी जांच करेंगे.
क्विंट ने कटनी के एसपी सुनील जैन से संपर्क किया, जिन्होंने बताया कि प्रारंभिक जांच में ऐसा नहीं लग रहा है कि पाकिस्तान समर्थन में नारे लगाए गए थे. वीडियो को आगे की जांच के लिए फोरेंसिक साइंस लैब (FSL) को भेजा गया है.
जाहिर है कई न्यूज ऑर्गनाइजेशन ने 'वाजिद भाई जिंदाबाद' के नारे लगाते लोगों का वीडियो इस झूठे दावे से शेयर किया गया था कि मध्य प्रदेश के कटनी में पाकिस्तान समर्थन में नारे लगाए गए थे.
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