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सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें कुछ लोग सड़क पर बैठे लोगों को वहां से घसीटकर हटाते दिख रहा है.
क्या है दावा?: वीडियो को फ्रांस (France) का बताकर शेयर किया जा रहा है और दावा किया जा रहा है कि ये लोग सड़क पर नमाज पढ़ रहे थे, जिस वजह से नाराज लोग इन नमाजियों को घसीटकर हटा रहे हैं, ताकि गाड़ियों के लिए रास्ता बन सके.
सच क्या है?: ये सच है कि वीडियो फ्रांस का ही है. लेकिन वीडियो में सड़क से जिन लोगों को घसीटकर हटाया जा रहा है वो नमाज नहीं पढ़ रहे थे.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये सभी क्लाइमेट एक्टिविस्ट थे, जो फ्रांस के सेंट-क्लाउड ब्रिज पर बैठकर प्रोटेस्ट कर रहे थे.
ये प्रदर्शनकारी Dernière Renovation (द लास्ट रेनोवेशन) नाम के एक ग्रुप से थे, जो जलवायु परिवर्तन को लेकर सरकार की निष्क्रियता के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे.
हमने सच का पता कैसे लगाया?: हमने फ्रेंच में जरूरी कीवर्ड की मदद से सर्च किया. इससे हमें 26 नवंबर को Ouest France नाम की एक फ्रेंच न्यूज वेबसाइट पर पब्लिश एक रिपोर्ट मिली.
रिपोर्ट में इस्तेमाल की गई तस्वीर के विजुअल वायरल वीडियो जैसे ही थी. रिपोर्ट में फोटो के लिए एक ट्विटर अकाउंट को क्रेडिट दिया गया था.
रिपोर्ट में बताया गया है कि फ्रांस में सेंट-क्लाउड ब्रिज पर 'Last Renovation' ग्रुप के 7 कार्यकर्ता प्रोटेस्ट कर रहे थे.
इस वजह से आधे घंटे तक जाम रहे ट्र्र्रैफिक हटाने के लिए गुस्साए लोगों ने इन प्रदर्शनकारियों को सड़क से घसीटकर हटा दिया. बाद में सभी 7 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी ले लिया गया.
हमने गूगल मैप पर उस जगह को भी देखा, जहां प्रोटेस्ट हुआ था.
हमें 'Dernière Rénovation' (The Last Renovation) नाम के ग्रुप की ओर से किया गया एक ट्वीट भी मिला. इसमें बताया गया था कि प्रदर्शनकारियों ने बोलोग्ने-बिलानकोर्ट में सेंट-क्लाउट ब्रिज को ब्लॉक किया था.
क्या है 'The Last Renovation' ग्रुप?: ये फ्रेंच सिविल सोसायटी का एक कैंपेन है, जो सरकार से मांग कर रहा है कि 2040 तक मौजूद इमारतों में कुशल थर्मल नवीनीकरण किया जाए.
ग्रुप ने देशभर में इसी तर के कई अहिंसक प्रोटेस्ट किए हैं.
Reuters के मुताबिक, ग्रुप के सदस्यों ने हाल ही में जलवायु परिवर्तन को लेकर सरकार की नाकाफी कोशिशों के विरोध में पेरिस के चैंप्स एलिसीज एवेन्यू को ब्लॉक किया था.
ग्रुप के ट्विटर हैंडल पर हमें देश के अलग-अलग हिस्सों में किए गए प्रदर्शनों से जुड़े विजुअल भी मिले.
निष्कर्ष: फ्रांस में सड़क से जिन लोगों को घसीटकर हटाया जा रहा है वो नमाज नहीं पढ़ रहे थे, बल्कि जलवायु परिवर्तन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे.
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