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नकल कराने के लिए दीवार पर लटके लोगों की फोटो गुजरात की नहीं, बिहार की है

फोटो में छात्रों को नकल कराते लोग खिड़कियों में लटके देखे जा सकते हैं. ये फोटो 2015 की है और बिहार के वैशाली की है.

ऐश्वर्या वर्मा
वेबकूफ
Published:
<div class="paragraphs"><p> ये फोटो 2015 की है और बिहार के वैशाली की है.</p></div>
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ये फोटो 2015 की है और बिहार के वैशाली की है.

(फोटो: Altered by the Quint)

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सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल हो रही है, जिसमें एक परीक्षा केंद्र की दीवार पर लगी खिड़कियों में लटके कई लोग देखे जा सकते हैं. फोटो शेयर कर गुजरात (Gujarat) के एजूकेशन मॉडल पर सवाल किए जा रहे हैं.

बता दें कि गुजरात में 2022 में ही विधानसभा चुनाव होने हैं और वहां BJP 1998 से सत्ता में हैं.

हालांकि, ये फोटो गुजरात की नहीं, बिहार में वैशाली की है और 2015 की है. फोटो में 10वीं के बोर्ड एग्जाम दे रहे छात्रों के परिवार वाले और दोस्त नकल में मदद करने के लिए, परीक्षा केंद्र की दीवारों पर चढ़ रहे हैं.

परीक्षा के दौरान नोट्स और चिट देकर नकल कराने से जुड़े इन विजुअल को तब 2015 में कई मीडिया ऑर्गनाइजेशन ने चलाया था.

दावा

फोटो को गुजरात से जोड़ इस दावे से शेयर किया जा रहा है, "अब गुजरात में भी होगा रन मोदी को अरविंद केजरीवाल की चुनौती मिलेगी अच्छी शिक्षा के रूप में"

पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/ट्विटर)

दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी इस फोटो के साथ किए गए ट्वीट को कोट रिट्वीट कर लिखा कि बीजेपी के सदस्य भी गुजरात की चरमराती शिक्षा प्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं. हालांकि, ट्वीट अब डिलीट किया जा चुका है.

ट्वीट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें

(फोटो: स्क्रीनशॉट/ट्विटर)

ऐसे ही और पोस्ट के आर्काइव आप यहां और यहां देख सकते हैं.

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पड़ताल में हमने क्या पाया

फोटो को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें पता चला कि ये फोटो बिहार की है. फोटो में दिख रही घटना 2015 की है, जब 10वीं के बोर्ड एग्जाम में शामिल छात्रों के दोस्त और परिवार वाले उन्हें खिड़कियों से नकल करा रहे थे.

कई न्यूज ऑर्गनाइजेशन ने तब इस घटना को कवर किया था, जैसे कि Indian Express ने 23 मार्च 2015 को इस पर एक रिपोर्ट पब्लिश की थी.

ये फोटो बिहार की है.

(फोटो: Indian Express/Altered by The Quint)

क्विंट पर भी 2015 में परीक्षा में नकल कराने से जुड़े इस मामले से संबंधित खबर छपी थी. इस रिपोर्ट के मुताबिक, हाईस्कूल के 600 छात्रों को नकल करते पाए जाने पर निष्कासित कर दिया गया था.

कांड के बाद एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बिहार के पूर्व शिक्षा मंत्री प्रशांत कुमार शाही ने मीडिया से कहा था कि क्या लोगों को गोली मार देनी चाहिए थी.

उन्होंने कहा था '' माता-पिता ही छात्रों को प्रोत्साहित कर रहे हैं तो नकल को रोकना मुश्किल हो जाएगा. औसतन 4 से 5 लोग एक छात्र के साथ हैं और अनुचित साधनों का इस्तेमाल करने में मदद कर रहे हैं''

मतलब साफ है, कि बिहार के वैशाली जिले के मनहर इलाके में 2015 की बोर्ड परीक्षा में नकल कराते लोगों की फोटो, गुजरात सरकार के शिक्षा मॉडल पर सवाल उठाते हुए शेयर की गई है.

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