advertisement
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के उनके मेंटर लक्ष्मणराव इनामदार के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर इस झूठे दावे के साथ शेयर की जा रही है कि मोदी के बगल में खड़ा व्यक्ति एक्टिविस्ट, किसान बाबूराव हजारे हैं, जिन्हें अन्ना हजारे के नाम से जाना जाता है.
फोटो के साथ इस दावे को ये दर्शाने के लिए शेयर किया जा रहा है कि दोनों के बीच पुरानी दोस्ती रही है और ये बताता है कि देश में चल रहे किसानों के विरोध (Farmers Protests) पर हजारे क्यों चुप हैं.
सोशल मीडिया पर शेयर हो रही इस फोटो के साथ कैप्शन में लिखा है, “याराना बहुत पुराना है.... नहीं समझे?...तो समझ लो यह तस्वीर बताती है अन्ना हजारे आजकल चुपचाप क्यों बैठा है अन्ना तुम देश में फैली अफरा-तफरी और हर मुसीबत के लिए एकमात्र जिम्मेवार हो देश तुम्हें कभी माफ नहीं करेगा”
इस फोटो को फेसबुक पर एक यूजर ने शेयर किया, जिसे ये आर्टिकल लिखे जाने तक 1,300 बार शेयर किया जा चुका था.
इस तस्वीर को लेकर ये दावा साल 2016 से किया जा रहा है.
रिवर्स इमेज सर्च करने पर, हमें इंडिया टुडे का एक आर्किटल मिला, जिसमें इसी तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था. आर्टिकल का टाइटल था: ‘The man behind Modi: Lakshmanrao Inamdar’.
आर्टिकल के मुताबिक, फोटो में मोदी और इनामदार हैं, जो 1984 में इनामदार की मौत से कुछ समय पहले ली गई थी. इनामदार को वकील साहब के नाम से भी जाना जाता था. जब मोदी RSS से जुड़े थे, तब इनामदार उनके मेंटर थे.
द इकनॉमिक टाइम्स के एक आर्टिकल में भी हमें ये फोटो मिली, जिसपर बेनेट कोलमैन एंड कंपनी लिमिटड का कॉपीराइट था. इस फोटो में भी मोदी के साथ खड़े व्यक्ति की पहचान इनामदार के रूप में हुई है.
इसके अलावा, अन्ना हजारे किसान आंदोलन को लेकर चुप हैं, ये दावा भी गलत है.
14 दिसंबर को, हजारे ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के साथ एकजुटता व्यक्त की, और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को एक चिट्ठी लिखा. इस चिट्ठी में उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को लागू करने और एमएस स्वामीनाथन आयोग की कृषि लागत और मूल्य के लिए स्वायत्त आयोग जैसी सिफारिशों की मांग पूरी नहीं हुई, तो वो एक बार फिर भूख हड़ताल करेंगे.
हजारे ने कथित तौर पर 28 दिसंबर को कहा था कि उन्होंने किसानों की मांगों को पूरा करने के लिए केंद्र को जनवरी के आखिर तक का समय दिया है, जिसके बाद वह अपनी भूख हड़ताल फिर से शुरू करेंगे.
इससे साफ होता है कि वायरल फोटो के साथ गलत दावा किया जा रहा है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)