Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Webqoof Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019अयोध्या फैसले से पहले पुलिस कर रही मैसेज-कॉल ट्रेस?खबर फेक है

अयोध्या फैसले से पहले पुलिस कर रही मैसेज-कॉल ट्रेस?खबर फेक है

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे मैसेज के मुताबिक, पुलिस सभी कॉल और मैसेज की निगरानी कर रही है

हिमांशी दहिया
वेबकूफ
Updated:
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे मैसेज के मुताबिक, पुलिस सभी कॉल और मैसेज की निगरानी कर रही है
i
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे मैसेज के मुताबिक, पुलिस सभी कॉल और मैसेज की निगरानी कर रही है
(फोटो: क्विंट हिंदी)

advertisement

जैसे-जैसे अयोध्या भूमि विवाद पर फैसले की घड़ी नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे लोगों में डर पैदा करने के लिए सोशल मीडिया पर कई मैसेज वायरल हो रहे हैं.

ऐसा ही एक मैसेज फेसबुक और ट्विटर पर वायरल हो रहा है, जिसमें फैसला सुनाए जाने के समय क्षेत्र में कानून व्यवस्था की स्थिति में किसी भी हिंसा से बचने के लिए अयोध्या पुलिस द्वारा उठाए जा रहे कदमों की एक लिस्ट दी गई है.

दावा

मैसेज में दावा किया गया है कि अयोध्या पुलिस WhatsApp, फेसबुक और ट्विटर समेत सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मैसेज को ट्रैक करेगी. साथ ही लिखा है कि नागरिकों के सभी कॉल्स रिकॉर्ड होंगे और सोशल मीडिया पर भी निगरानी रखी जाएगी.

इस मैसेज में लोगों को ये भी चेतावनी दी गई है कि राजनीति, वर्तमान स्थिति या प्रधानमंत्री पर अगर कोई भी मैसेज रिसीव करते हैं, तो उसे आगे न भेजें.

मैसेज यहीं खत्म नहीं होता. इसमें आगे लिखा है कि 'इस समय किसी राजनीतिक या धार्मिक मुद्दे पर कोई आपत्तिजनक मैसेज लिखना या भेजना अपराध है, ऐसा करने पर बिना वारंट के गिरफ्तारी हो सकती है.'

(स्क्रीनशॉट: फेसबुक)

ये मैसेज फेसबुक पर इंग्लिश में भी वायरल हो गया है.

(स्क्रीनशॉट: फेसबुक)
(स्क्रीनशॉट: ट्विटर)
(स्क्रीनशॉट: ट्विटर)
(स्क्रीनशॉट: फेसबुक)
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

सच या झूठ?

द क्विंट ये कंफर्म करता है कि ये मैसेज फेक है. उत्तर प्रदेश पुलिस या गृह मंत्रालय की तरफ से ऐसे कोई निर्देश नहीं दिए गए हैं.

द क्विंट से बात करते हुए, अयोध्या के एसएसपी आशीष तिवारी ने पुलिस की तरफ से ऐसा कोई भी कदम उठाने की बात को खारिज किया है. साथ ही उन्होंने लोगों को चेतावनी दी है कि इस तरह के मैसेज पर यकीन न करें.

‘अयोध्या में हालात एकदम सामान्य हैं. हमारी तरफ से, फैसले के मद्देनजर अधिक पुलिस बल की तैनाती की गई है. हमारे पास डिजिटल वॉलंटियर्स की भी एक टीम है, जो सोशल मीडिया पर फेक या सांप्रदायिक कंटेंट की निगरानी करने में मदद कर रही है. हालांकि, हम कोई भी मैसेज ट्रैक या कोई कॉल रिकॉर्ड नहीं कर रहे हैं. हम ऐसा नहीं कर सकते, क्योंकि सोशल मीडिया पर मैसेज इन्क्रिप्टेड होते हैं.’
आशीष तिवारी, एसएसपी, अयोध्या

हमें जांच में क्या मिला?

इस मैसेज में कई बातें ऐसी हैं, जो सवाल खड़ा करती हैं. WhatsApp पर किसी भी मैसेज की निगरानी नहीं की जा सकती, क्योंकि ये एंड-टू-एंड इन्क्रिप्टेड होते हैं. इसके अलावा, सरकार और फेसबुक (WhatsApp की पेरेंट कंपनी) फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में आमने-सामने हैं, क्योंकि सरकारी एजेंसियां चाहती हैं कि WhatsApp इन्क्रिप्टेड कम्युनिकेशन तक का एक्सेस उन्हें दे.

हाल ही में सामने आए पैगेसस स्पाइवेयर अटैक के संदर्भ में, इसपर गौर करना जरूरी है कि इससे एंड-टू-एंड इन्क्रिप्शन प्रभावित नहीं हुआ था. ये स्पाइवेयर WhatsApp में एक खामी की वजह से पहुंचा, जिससे ये स्मार्टफोन यूजर्स को अपना शिकार बना पाया.

WhatsApp ने भी द क्विंट को कंफर्म किया है कि उन्हें ऐसा कोई नोटिफिकेशन नहीं मिला है, जिसमें प्रशासन द्वारा नागरिकों के मैसेज की निगरानी की बात कही हो.

अयोध्या पुलिस ने भी इस मैसेज भ्रम फैलाने वाला बताया है. अयोध्या पुलिस ने ट्विटर पर ऐसे मैसेज का खंडन करते हुए लिखा, 'व्हाट्सऐप ग्रुपों में इस प्रकार के भ्रामक मैसेज का प्रसार किया जा रहा है, जिसका अयोध्या पुलिस पूर्णतया खंडन करती है. कृपया इस भ्रामक पोस्ट को शेयर न करें.'

इससे साफ होता कि वायरल हो रहा मैसेज फेक है.

अयोध्या में सांप्रदायिक सौहार्द्र बनाए रखने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. 14 अक्टूबर से ही जिले में धारा 144 लगी है.

इसके अलावा, अधिकारियों ने सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक घृणा फैलाने के खिलाफ भी चेतावनी दी है. न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, अयोध्या के जिला मजिस्ट्रेट अनुज कुमार झा ने विवादास्पद अयोध्या मामले में फैसले के मद्देनजर लोगों को चेतावनी जारी की है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 07 Nov 2019,10:13 PM IST

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT