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पीएम मोदी ने संसद में किया आरक्षण का विरोध?नहीं, वीडियो अधूरा है

अधूरा वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में आरक्षण का विरोध किया

सिद्धार्थ सराठे
वेबकूफ
Published:
<div class="paragraphs"><p>दावा है कि प्रधानमंत्री ने आरक्षण का विरोध किया</p></div>
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दावा है कि प्रधानमंत्री ने आरक्षण का विरोध किया

फोटो : Quint Hindi

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सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) का एक वीडियो वायरल है, जिसमें वो संसद में भाषण देते हुए कह रहे हैं ''मैं किसी भी तरह के आरक्षण को पसंद नहीं करता. और खासकर नौकरी में आरक्षण तो कतई नहीं. मैं ऐसे किसी भी कदम के खिलाफ हूं जो अकुशलता को बढ़ावा दे.''

दावा : वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि पीएम मोदी ने आरक्षण (Reservation) का विरोध किया.

पोस्ट का अर्काइव यहां देखें 

सोर्स : स्क्रीनशॉट/इंस्टाग्राम

यही दावा करते अन्य पोस्ट्स के अर्काइव यहां, यहां और यहां देखें.

क्या ये सच है ? : अधूरा वीडियो गलत संदर्भ में शेयर किया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ये बात अपने विचार के तौर पर नहीं कही थी.

  • मोदी ने कांग्रेस पर आरक्षण विरोधी होने का आरोप लगाते हुए पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का एक पत्र संसद में पढ़ा था.

  • हालांकि, जिस पत्र का मोदी ने जिक्र किया था उसमें नेहरू ने आगे पिछड़े सामाजिक वर्ग को शिक्षा में आरक्षण दिए जाने और स्कॉलरशिप दिए जाने का समर्थन भी किया था.

हमने ये सच कैसे पता लगाया ? : हमें बीजेपी के ऑफिशियल हैंडल से शेयर किया गया इस वीडियो का लंबा वर्जन मिला. यहां पीएम मोदी कहते हैं ''ये देश के प्रदानमंत्री पंडित नेहरू जी द्वारा उस समय के देश के मुख्यमंत्रियों को लिखी गई चिट्ठी है, ऑन रिकॉर्ड है, मैं अनुवाद पढ़ता हूं.'' इसके बाद मोदी वही बात कहते हैं, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है.

साफ है कि मोदी ने ये बात नेहरू के हवाले से कही, खुद के विचार के तौर पर नहीं.

नेहरू ने क्या कहा था ? : हमें  Way Back Machine पर एक किताब का अर्काइव मिला जिसका नाम था Letters For A Nation: From Jawaharlal Nehru To His Chief Ministers .

27 जून 1961 के पत्र में उन्होंने जो लिखा था उसका हिंदी अनुवाद कुछ यूं होगा ''राष्ट्रीय एकता पर विचार करने के लिए हमारी यहां हुई बैठक में, जिसमें मुख्यमंत्री मौजूद थे, यह तय हुआ कि मदद आर्थिक आधार पर दी जानी चाहिए, न कि जाति के आधार पर.''

नेहरू ने आगे कहा,

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"यह सच है कि हम अनुसूचित जातियों और जनजातियों की मदद करने के बारे में कुछ नियमों और परंपराओं से बंधे हैं. वे मदद के हकदार हैं, लेकिन फिर भी, मैं विशेष रूप से सेवाओं में किसी भी प्रकार के आरक्षण को नापसंद करता हूं. मैं ऐसी किसी भी चीज के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करता हूं जो अक्षमता की ओर ले जाती है और दोयम दर्जे के मानक हैं. मैं चाहता हूं कि मेरा देश हर चीज में प्रथम श्रेणी का देश बने. जिस पल हम दूसरे दर्जे को प्रोत्साहित करते हैं, हम खो जाते हैं."

नेहरू ने कहा कि पिछड़े समूहों की मदद करने का असली तरीका अच्छी शिक्षा के अवसर प्रदान करना है जिसमें तकनीकी शिक्षा भी शामिल है. उन्होंने कहा कि सरकार ने दो महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं - सार्वभौमिक मुफ्त प्रारंभिक शिक्षा और बहुत व्यापक पैमाने पर छात्रवृत्ति (स्कॉलरशिप).

ये हिस्सा किताब के पेज नं 79-80 पर मिल जाएगा


सोर्स : स्क्रीनशॉट/Letters For A Nation: From Jawaharlal Nehru To His Chief Ministers


निष्कर्ष : मतलब साफ है, सोशल मीडिया पर जिस वीडियो को पीएम मोदी का बयान बताकर शेयर किया जा रहा है. वो उन्होंने नेहरू की चिट्ठी का अनुवाद करते हुए कही थी.

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