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सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें कुछ लोगों को एक शख्स को पीटते हुए देखा जा सकता है. इस वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि चल रहे टी 20 वर्ल्ड कप (T20 World Cup) में पाकिस्तान (Pakistan) के खिलाफ मैच हारने के बाद अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को टारगेट किया जा रहा है.
हालांकि, हमने पाया कि वीडियो 7 अक्टूबर का है, जब राजस्थान के नोखा इलाके में पुरानी दुश्मनी को लेकर कांग्रेस नेता मेघ सिंह भाटी पर हमला किया गया था.
वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है, ''पाकिस्तान से मैच हारने के बाद बीजेपी की बर्बरता- भारत में मासूम मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है''.
(नोट: नीचे दिए गए लिंक के वीडियो कुछ लोगों को परेशान कर सकते हैं. दर्शकों को सलाह है कि इसे अपने विवेक पर ही देखें.)
हमने InVID टूल का इस्तेमाल कर वीडियो को कई कीफ्रेम में बांटकर, उन पर रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें राज्यवर्धन सिंह राठौर का 8 अक्टूबर को किया गया एक ट्वीट मिला.
इस ट्वीट में इसी वीडियो का इस्तेमाल किया गया था. ट्वीट के मुताबिक, राजस्थान में कांग्रेस नेता पर हमला किया गया था.
यहां से क्लू लेकर हमने गूगल पर कीवर्ड सर्च किया. हमें Times of India का 8 अक्टूबर को पब्लिश एक आर्टिकल मिला, जिसमें यही वायरल विजुअल थे.
आर्टिकल का टाइटल था, ''बीकानेर में कांग्रेस के स्थानीय नेता की पिटाई''.
नोखा सीओ नेम सिंह के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि ये पुरानी रंजिश का मामला है.
इसके अलावा, 8 अक्टूबर को ट्विटर पर वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए बीकानेर पुलिस ने ट्वीट कर बताया था कि मेघ सिंह (जिनको पीटा गया था) को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है.
फुटेज के आधार पर पुलिस ने हरी सिंह, बृजलाल, गुलाब सिंह, राजकुमार, पृथ्वीराज की पहचान की थी. इसके बाद, समूह में शामिल बाकी लोगों का पता लगाने की कोशिश की जा रही थी.
NDTV पर 8 अक्टूबर को पब्लिश एक PTI रिपोर्ट के मुताबिक, 7 अक्टूबर को नोखा में बीकानेर-जोधपुर हाईवे पर स्थानीय कांग्रेस नेता मेघ सिंह भाटी पर लाठी से लगभग आधा दर्जन लोगों ने हमला किया था.
नोखा के SHO ईश्वर चंद जांगिड़ के हवाले से आर्टिकल में बताया गया है कि कांग्रेस नेता उस समय अपने परिवार के सदस्यों के साथ यात्रा कर रहे थे, जब पुरानी दुश्मनी को लेकर उन पर हमला किया गया. रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस नेता का पैर फ्रैक्चर हुआ है.
इसके अलावा, यहां ये ध्यान भी देना जरूरी है कि वायरल वीडियो 7 अक्टूबर का है, जबकि भारत-पाकिस्तान मैच 24 अक्टूबर को हुआ था.
मतलब साफ है कि राजस्थान के पुराने वीडियो को शेयर कर ये झूठा दावा किया जा रहा है कि भारत-पाकिस्तान टी-20 वर्ल्ड कप में भारत की जीत के बाद अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है. ये दावा झूठा है.
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