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सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें सड़क पर बड़ी मात्रा में टेबल-कुर्सियां और खाने का प्रबंध नजर आ रहा है.
दावा: इस वीडियो को शेयर कर यह दावा किया जा रहा है कि यह पश्चिम बंगाल के कोलकाता का वीडियो है, जहां सड़क को ब्लॉक कर रोजा इफ्तार का इंतजाम किया जा रहा है.
क्या यह दावा सही है ? : नहीं, यह दावा भ्रामक है. यह बात सही है कि यह रोजा इफ्तार का प्रोग्राम है लेकिन यह पश्चिम बंगाल के कोलकाता नहीं बल्कि कर्नाटक के मंगलुरु का वीडियो है.
हमनें सच का पता कैसे लगाया ? : हमनें इस वीडियो के कीफ्रेम पर Google Lens की मदद से रिवर्स इमेज सर्च ऑप्शन का इस्तेमाल किया.
हमारी सर्च में हमें ऐसे कई न्यूज रिपोर्ट्स और पोस्ट मिली जो इन तस्वीरों को कर्नाटक के मंगलुरु का बता रहीं थीं.
Deccan Herald की एक रिपोर्ट के मुताबिक मंगलुरु के उल्लाल तालुक में मुदिपु जंक्शन पर स्टेट हाइवे पर इफ्तार पार्टी का आयोजन किया गया था.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने सड़क पर रोजा इफ्तार का आयोजन करने के लिए इसके प्रबंधक को नोटिस भी जारी किया है.
India Today, The Print, Mirror Now जैसे तमाम अन्य मीडिया आउटलेट्स ने भी मंगलुरु में हुई इस इफ्तार पार्टी के बाद चुनाव आयोग की नोटिस मिलने पर यह खबर छापी थी.
PTI के हवाले से लिखी गई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस कार्यक्रम का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल होने के बाद ECI ने इस पर संज्ञान लिया है.
आरोप है कि इस आयोजन की वजह से सड़क के एक हिस्से को चार घंटे तक बंद रखा गया था.
नोटिस में ECI ने चुनाव आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए 'ऑटो राजाकनमार इफ्तार' कार्यक्रम के मुख्य आयोजक अबुबकर सिद्दीकी को नोटिस दिया है.
हालांकि हमारी पड़ताल में हमें चुनाव आयोग की आधिकारिक वेबसाइट या आयोग के X अकाउंट पर इससे संबंधित जानकारी नहीं मिली.
गूगल मैप के जरिए लोकेशन की पुष्टि: मीडिया रिपोर्ट्स में इस रोजा इफ्तार की बताई गई लोकेशन की जांच करने के लिए हमनें Google Street View का इस्तेमाल किया.
हमनें वायरल वीडियो में नजर आ रही आसपास की इमारतों को Google Map पर मुदिपु जंक्शन की लोकेशन से मिलान किया.
वायरल वीडियो में नजर आ रही झोपड़ी के आकर वाली ईमारत हमें गूगल मैप्स पर भी नजर आई.
इसके सिवा इसके उलटी दिशा वाली बिल्डिंग में भी समानताएं नजर आई. जैसे दीवार का नीला रंग.
निष्कर्ष: हमारी पड़ताल में यह साफ हो गया कि वायरल वीडियो पश्चिम बंगाल का नहीं बल्कि कर्नाटक के मंगलुरु का है. इसे भ्रामक दावे के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है.
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