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सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल हो रही है जिसमें एक शख्स तलवार के साथ दिख रहा है. फोटो को 1818 में हुई भीमा-कोरगांव (Bhima-Koregaon) की लड़ाई से जोड़कर दावा किया जा रहा है कि ये शख्स इस लड़ाई में लड़ने वाला एक सैनिक है.
फोटो में लिखा हुआ है कि 11 फीट लंबे और 285 किलो वजन के इस शख्स ने 8000 पेशवाओं के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी.
साथ ही ये भी लिखा है, ''भीमा कोरेगांव की लड़ाई में अपना पराक्रम दिखाने वाले एक महार सैनिक की दुर्लभ फोटो, जो तत्कालीन ईस्ट इंडिया कंपनी के सलाहकार मि. डेव्ही जोन्स की डायरी से प्राप्त हुई है.''
सच क्या है?: ये तस्वीर दक्षिण अफ्रीका में जुलु साम्राज्य के राजा के छोटे भाई प्रिंस नडाबुको काम्पांडे हैं.
हमने सच का पता कैसे लगाया?: फोटो को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें स्टॉक इमेज वेबसाइट Alamy पर यही तस्वीर मिली.
कैप्शन के मुताबिक ये फोटो राजा सेटश्वेओ काम्पांडे के छोटे भाई राजकुमार नडाबुको काम्पांडे की है.
इसमें ये भी बताया गया है कि काम्पांडे 1873 से 1879 तक ज़ुलु साम्राज्य के राजा थे और 1879 के एंग्लो-ज़ुलु युद्ध के दौरान उन्होंने नेतृत्व भी किया था.
भीमा-कोरेगांव की लड़ाई: भीमा-कोरेगांव महाराष्ट्र के पुणे में एक छोटा सा गांव है.
कोरेगांव में ब्रिटिश सेना के महार सैनिकों की एक छोटी सी टुकड़ी ने 1 जनवरी 1818 में पेशवा बाजीराव द्वितीय के 28,000 सैनिकों को हराया था.
हर साल 1 जनवरी को पेशवाओं पर महारों की जीत के दिन के तौर पर मनाया जाता है.
हमें स्टॉक वेबसाइट पर महार रेजीमेंट के सैनिकों के साथ बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की तस्वीरें भी मिलीं. जिन्हें आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.
(तस्वीरें देखने के लिए दाईं ओर स्वाइप करें)
महार रेजीमेंट की तस्वीरें
महार रेजीमेंट की तस्वीरें
महार रेजीमेंट की तस्वीरें
निष्कर्ष: ये फोटो 1818 में हुई भीमा-कोरगांव लड़ाई में शामिल महार सैनिक की नहीं, बल्कि दक्षिण अफ्रीक के एक राजकुमार की है.
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