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दिल्ली के कुछ हिस्सों में 15 दिसंबर को नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई थी. कई इलाकों में गाड़ियां जलाए जाने की खबर आई थी. अब दिल्ली की न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में मोटरसाइकिल को आग के हवाले करने वाले एक शख्स के पुरानी वीडियो को जामिया मिल्लिया इस्लामिया की लाइब्रेरी की सीसीटीवी फुटेज के साथ जोड़कर शेयर किया जा रहा है. सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि वीडियो में दोनों जगह पर दिखने वाला शख्स एक ही है.
एक दूसरे ट्विटर यूजर ने इसी दावे के साथ दोनों वीडियो के ग्रैब को एक साथ जोड़कर शेयर किया.
फेसबुक पर ‘Expose The Deshdrohis’ नाम के पेज ने दो अलग-अलग वीडियो शेयर किए हैं. इन वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा गया है- 'बहुत अच्छी एक्टिंग. दिल्ली पुलिस के आने के बाद दंगाई छात्र बन गए.' कॉपी लिखे जाने तक इस वीडियो को एक लाख से ज्यादा लोग देख चुके थे और 4000 बार शेयर किया जा चुका था.
दो अलग-अलग दृश्यों को जोड़कर सोशल मीडिया पर एक दावे के साथ तस्वीर शेयर की जा रही है. वायरल हो रही इस तस्वीर में पहला दृश्य जामिया के गेट नंबर-4 के पास का है, जैसा कि ANI ने भी दावा किया है. 22 नवंबर को ये तस्वीर दिल्ली पुलिस की ओर से जारी की गई थी. जिसमें दावा किया गया था कि सीएए के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले प्रदर्शनकारियों ने बाइक और बस जला दी थी.
खास बात ये है कि एएनआई ने दावा किया था कि ये बाइक यूनिवर्सिटी के गेट नंबर-4 के पास जलाई गई. जबकि छात्रों ने दावा किया है कि ये घटना माता मंदिर के पास न्यू फ्रैंड्स कॉलोनी में हुई थी, जो कि यूनिवर्सिटी से तीन किमी दूर है.
द क्विंट से बात करते हुए मोहम्मद सलमान ने कहा, "मैं पहली मंजिल पर था. ग्राउंड फ्लोर पर कई आंसू गैस के गोले दागे जा रहे थे और चारों ओर धुंआ था. मुझे सांस लेने में मुश्किल हो रही थी. यह मास्क नहीं है. धुंए से बचने के लिए मैंने अपने चेहरे पर रूमाल रख लिया था."
सलमान ने ये भी बताया कि नमाज पढ़ने के बाद दोपहर करीब एक बजे वह लाइब्रेरी गया था. उसके बाद यूनिवर्सिटी के गेट नंबर-7 पर गया था, जहां विरोध प्रदर्शन चल रहा था. फिर वापस लाइब्रेरी में आ गया. हालांकि द क्विंट को ये जानकारी नहीं मिल पाई कि बाइक में आग लगाना वाला शख्स कौन था.
हमने वायरल हो रही तस्वीर में दिख रहे दोनों व्यक्तियों का एक-दूसरे से मिलान भी किया. पहले दृश्य में शख्स को लाल और सफेद धारियों वाली नीली जैकेट पहने देखा जा सकता है. जबकि दूसरे दृश्य में शख्स दो सफेद धारियों वाली जैकेट पहने हुए दिख रहा है.
इसके अलावा, चेहरे को ढंकने के लिए इस्तेमाल किया गया रूमाल / कपड़ा भी दोनों दृश्यों में अलग-अलग है.
इससे ये साफ है कि दो अलग-अलग दृश्यों को गलत संदर्भ में प्रसारित किया जा रहा है. वायरल हो रही तस्वीर के दोनों दृश्यों में दिख रहा शख्स अलग-अलग है.
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