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सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसे शेयर कर दावा किया जा रहा है सीरिया (Syria) में लोगों को गोली मारकर शवों को गड्ढे में फेंक दिया जाता है, क्योंकि उन्होंने रमजान के दौरान रोजा (Roza) रखने से इनकार कर दिया था.
हालांकि, ये वीडियो 2013 का है, जिसमें कई लोगों को मारते हुए दिखाया गया है. ये घटना सीरियाई गृहयुद्ध (Syrian Civil War) के दौरान हुई थी, जहां 2013 में 97,000 लोग मारे गए थे.
वीडियो शेयर कर एक यूजर ने लिखा, ''ये इस्लामिक देश सीरिया की घटना है..जहां जिन लोगों को गोली मारकर हत्या की गई वो काफिर हैं. इन्होंने रमजान के दौरान रोजा नहीं रखा था. सामूहिक तौर पर कब्र खोदकर रोजा न रखने वालों को आंख पर पट्टी बांधकर गोली मार दी गई और दफना दिया गया.''
(नोट: वीडियो की प्रकृति हिंसक है, इसलिए हमने किसी भी आर्काइव लिंक का इस्तेमाल नहीं किया है.)
ये क्वेरी हमारी WhatsApp टिपलाइन पर भी आई है.
हमने वीडियो वेरिफिकेशन टूल InVID का इस्तेमाल कर वीडियो को कई कीफ्रेम में बांटा और उन्हें गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च किया.
हमें The Guardian पर 27 अप्रैल 2022 को पब्लिश एक आर्टिकल मिला.
इस आर्टिकल में वायरल वीडियो और वीडियो के कुछ स्क्रीनशॉट का इस्तेमाल किया गया था. आर्टिकल के मुताबिक, ये वीडियो 16 अप्रैल 2013 का है.
'Massacre in Tadamon: how two academics hunted down a Syrian war criminal' टाइटल वाले इस आर्टिकल के मुताबिक, इस वीडियो में डमैस्कस (दमिश्क) के उपनगर टैडमॉन में 2013 में हुए एक वॉर क्राइम को देखा जा सकता है.
हमें New Lines Magazine पर एक और रिपोर्ट मिली, जो 27 अप्रैल 2022 को पब्लिश हुई थी. इसमें 2013 में हुए नरसंहार के बारे में भी बताया गया था.
यूएस डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट ने भी वीडियो पर संज्ञान लिया था.
2013 में, रमजान का महीना था 9 जुलाई से लेकर 7 अगस्त तक. वहीं ये वीडियो अप्रैल 2013 में शूट किया गया था यानी रमजान के महीने से पहले. मतलब साफ है कि इस वीडियो का रोजा रखने से कोई संबंध नहीं है.
मतलब साफ है कि 2013 में शूट किया गया सीरिया में सामूहिक हत्या दिखाता एक पुराना वीडियो इस झूठे दावे से शेयर किया जा रहा है कि उन लोगों को मार दिया गया जिन्होंने रमजान के दौरान रोजा नहीं रखा था.
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