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सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने दावा किया कि अब यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के जरिए पेमेंट करना मुफ्त नहीं है. दावे में कहा गया कि 2000 या उससे ज्यादा के लेनदेन पर ग्राहकों को 1.1 परसेंट शुल्क देना होगा.
दावे में ये भी कहा गया कि ये नया नियम 1 अप्रैल से लागू होगा.
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(दावे से जुड़ी क्वेरी हमारी WhatsApp टिपलाइन पर भी आई है.)
लेकिन ये 1.1 परसेंट शुल्क देना किसे होगा?: नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने स्पष्ट किया है कि ग्राहकों से 1.1 परसेंट का शुल्क नहीं लिया जाएगा.
NPCI के मुताबिक, 1 अप्रैल से 2000 रुपये से ज्यादा के उन मर्चेंट लेनदेन पर ये इंटरचेंज फीस ली जाएगी जो प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट (PPI) के जरिए किए जाएंगे. ये फीस एक बैंक दूसरे बैंक से किसी लेनदेन को पूरा करने के लिए लेता है.
पीपीआई (PPI) लेनदेन में वॉलेट और क्रेडिट कार्ड के जरिए किए गए लेनदेन शामिल हैं.
NPCI का ऑफिशियल सर्कुलर: NPCI ने ऑफिशियल सर्कुलर में स्पष्ट किया है कि ये PPI शुल्क सिर्फ मर्चेंट लेनदेन पर ही लिए जाएंगे.
इसमें कहा गया है कि ये 1.1 प्रतिशत शुल्क व्यापारियों को 2000 रुपये या उससे ज्यादा का लेनदेन करने पर लिया जाएगा.
इसमें ये भी बताया गया है कि ये ये शुल्क पीयर टू पीयर (P2P) या पीयर टू पीयर मर्चेंट (P2PM) से जुड़े लेनदेन पर लागू नहीं होगा.
इस सर्कुलर के मुताबिक, ये शुल्क 1 अप्रैल से लागू होगा और 30 सितंबर 2023 तक या इससे पहले इसकी समीक्षा की जाएगी.
इस डॉक्युमेंट में आगे ये भी बताया गया है कि ये इंटरचेंज शुल्क 0.5 से 1.1 प्रतिशत तक होगा.
जैसे ईंधन पर 0.5 प्रतिशत, टेलीकॉम, पोस्ट ऑफिस, शिक्षा और कृषि पर 0.7 प्रतिशत, सुपरमार्केट पर 0.9 प्रतिशत, तो वहीं म्यूचुअल फंड, इंश्योरेंस और रेलवे से जुड़े लेनदेन पर 1 प्रतिशत शुल्क लिया जाएगा.
NPCI ने 29 मार्च को ट्वीट के जरिए स्पष्टीकरण भी शेयर किया है.
इस ट्वीट में प्रेस रिलीज शेयर की गई है, जिसमें बताया गया है कि ग्राहकों को यूपीआई से जुड़े लेनदेन पर कोई शुल्क नहीं देना होगा. ये शुल्क सिर्फ पीपीआई मर्चेंट लेनदेन पर लागू होंगे.
Paytm ने भी दिया है स्पष्टीकरण: ऑनलाइन पेमेंट एप्लिकेशन Paytm ने भी ट्वीट कर वायरल दावे को गलत बताया है.
निष्कर्ष: साफ है कि सोशल मीडिया पर ये भ्रामक दावा किया जा रहा है कि ग्राहकों से यूपीआई लेनदेन पर 1.1 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लिया जाएगा.
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