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सोशल मीडिया पर एक वायरल पोस्ट में ये दावा किया जा रहा है कि यूनाइटेड स्टेट्स सरकार ने ये पुष्टि कर दी है कि कोरोना वायरस चीन की लैबोरेटरी में बना था. पोस्ट के साथ यूएस सरकार के एक डॉक्यूमेंट की कॉपी भी वायरल हो रही है.
न्यूज एजेंसी आईएएनएस की फॉरेन एंड स्ट्रैटिजिक अफेयर्स एडिटर आरती टिकू सिंह ने भी ट्वीट कर यही दावा किया. इसके बाद सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने इसी दावे के साथ पोस्ट किए हैं.
हालांकि, वेबकूफ की पड़ताल में ये दावा फेक निकला. कोरोना वायरस की शुरुआत कहां से हुई, ये पुष्टि असल में अब तक नहीं हो पाई है.
वायरल पोस्ट का हिंदी अनुवाद है - सत्ता छोड़ने से पहले ट्रंप एडमिनिस्ट्रेशन का बड़ा खुलासा, आधिकारिक घोषणा कर दी गई है कि कोरोना वायरस एक बायोलॉजिकल हथियार था, इसे चीन के वुहान में स्थित लैबोरेटरी से छोड़ा गया .
वायरल मैसेज के साथ शेयर किए जा रहे डॉक्यूमेंट में कहीं जिक्र नहीं है कि कोरोना वायरस चीन की लैबोरेटरी से फैलाया गया. डॉक्यूमेंट में लिखा है - यूएस सरकार को इसकी सटीक जानकारी नहीं है कि असल में कोरोना वायरस कहां से और कैसे इंसानों में फैलना शुरू हुआ. हम अब तक इस नतीजे पर नहीं पहुंचे कि संक्रमण जानवरों से इंसानों में फैला या फिर वुहान की लैबोरेटरी में हुई किसी दुर्घटना से.
आगे लिखा है - यूएस सरकार ये मानती है कि 2019 की शरद ऋतु के दौरान वुहान लैब में काम कर रहे कई शोधकर्ता बीमार हुए थे. हालांकि, न तो इससे जुड़े किसी सबूत का जिक्र है. न ही ये लिखा है कि शोधकर्ताओं को कोरोना वायरस हुआ था.
डॉक्यूमेंट का सार बताते पैराग्राफ का हिंदी अनुवाद है - चूंकि दुनिया महामारी से जूझ रही है और WHO के इंवेस्टीगेटर्स ने अपना काम साल भर से ज्यादा देरी से शुरू किया, इसलिए वायरस की उत्पत्ति का अब तक पता नहीं चल सका है.
पूरा एक साल बीत जाने के बाद भी ये पुष्टि नहीं हो सकी है कि आखिर कोविड-19 आया कहां से. वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO) ने वायरोलॉजी एक्सपर्ट की एक टीम का गठन किया था. इसी महीने ये टीम इंवेस्टिगेशन शुरू करने चीन के वुहान स्थित लैब भी गई थी.
नवंबर 2020 में WHO ने कोविड-19 की शुरुआत को लेकर एक स्टडी रिपोर्ट जारी की थी. 9 पेज की रिपोर्ट में WHO ने कहा, चमगादड़ों में प्राकृतिक रूप से ही कोरोना वायरस मौजूद रहता है . फिर भी संक्रमण किस पॉइंट से फैला, इस निष्कर्ष पर पहुंचना अभी जल्दबाजी होगी. वायरस कहां से फैलना शुरू हुआ, ये समझने के लिए कुछ शॉर्ट टर्म स्टडी कराई जाएंगी.
एक शोध में सामने आ चुका है कि कोविड-19 इंसान के द्वारा बनाया गया वायरस नहीं है. नेचर जर्नल में छपी रिपोर्ट में रिसर्चर्स ने कहा है- हमारा एनालिसिस कहता है कि कोविड-19 लैबोरेटरी में बनाया गया वायरस नहीं है.
द लेंसेट जर्नल में छपी एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक वायरस के आर्टिफिशियल होने की कोई संभावना नहीं है. ये रिसर्च 27 गैर - चीनी वैज्ञानिकों ने की है. कोविड-19 वायरस के मानव निर्मित होने से जुड़े कई दावे द क्विंट की वेबकूफ टीम की पड़ताल में फेक साबित हो चुके हैं.
यूएस सरकार के डॉक्यूमेंट के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा मैसेज फेक है. डॉक्यूमेंट में ऐसा कहीं उल्लेख नहीं है कि कोविड-19 वुहान की लैब में बना था.
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