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सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि कांग्रेस की रैली में कुछ लोगों ने पाकिस्तानी झंडे लहराए. एक फोटो वायरल हो रही है, जिसमें कांग्रेस के झंडों के साथ एक हरे रंग का झंडा भी दिख रहा है.फोटो शेयर कर कई यूजर सोशल मीडिया पर लिख रहे हैं कि वे भले ही महंगा पेट्रोल खरीद लेंगे लेकिन पाकिस्तानी झंडा फहराने वाली पार्टी को वोट नहीं देंगे.
पाकिस्तानी झंडे से जुड़ा ये दावा उस समय किया जा रहा है जब देश के कई हिस्सों में पेट्रोल की कीमतें 100 रुपए प्रति लीटर के पार पहुंच गई हैं. वेबकूफ की पड़ताल में सामने आया कि फोटो में दिख रहा झंडा पाकिस्तान नहींं बल्कि केरल के एक संगठन इंडियन यूनियम मुस्लिम लीग ( IUML) का है.
फोटो के साथ शेयर किया जा रहा टेक्स्ट है- 80 रु का पेट्रोल छोड़िये 90 रु का पेट्रोल अपनी गाड़ी में खुशी-खुशी भरवा लूंगा पर कभी ऐसी पार्टी को वोट नहीं दूंगा जिसकी रैली में हिंदुस्तान मुर्दाबाद के नारे लगते हों और पाकिस्तानी झंडा फहराया जाता हो.
फेसबुक पर फोटो बड़े पैमाने पर इसी दावे के साथ शेयर की जा रही है
सबसे पहले हमने वायरल फोटो में दिख रहे झंडे को पाकिस्तानी झंडे से मिलाकर देखा. दोनों में साफ अंतर दिखाई दे रहा है. पाकिस्तानी झंडे में बाईं तरफ सफेद रंग की पट्टी है. जबकि वायरल फोटो में दिख रहे झंडे में ऐसा नहीं है.
फोटो को गूगल पर रिवर्स सर्च करने से हमें 26 मार्च, 2019 की फेसबुक पोस्ट में एक वीडियो मिला. वीडियो के विजुअल वायरल फोटो से मिलते हैं, हरे रंग का वो झंडा भी है, जिसे पाकिस्तान का बताया गया है. इससे ये साफ हुआ कि विजुअल्स 2 साल पुराने हैं.
2018 की सोशल मीडिया पोस्ट्स से क्लू लेकर हमने कर्नाटक में हुई कांग्रेस रैली से जुड़ी रिपोर्ट्स सर्च करनी शुरू कीं. हमें 2 साल पुरानी ऐसी कई रिपोर्ट्स मिलीं, जिनमें बताया गया है कि फोटो में दिख रहा झंडा इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) का है, न कि पाकिस्तान का.
IUML के ऑफिशियल फेसबुक पेज के कवर में वही झंडा है जो वायरल फोटो में दिख रहा है.
IUML ने 25 सितंबर, 2019 को दिल्ली के जंतर-मंतर पर मॉब लिंचिंग, कश्मीर में लगे लॉकडाउन और गिरती अर्थव्यवस्था के विरोध में प्रदर्शन किया था. इस प्रदर्शन की फोटो गेटी इमेजेस की वेबसाइट पर है. फोटो में लोगों के हाथ में संगठन का वही झंडा देखा जा सकता है जो वायरल फोटो में दिख रहा है.
NDTV के यूट्यूब चैनल पर 18 अप्रैल, 2017 की एक रिपोर्ट हमें मिली. जिसके मुताबिक IUML ने केरल की मलप्पुरम सीट पर हुए उपचुनाव में जीत हासिल की थी. रिपोर्ट में एक वीडियो है जिसमें IUML के कार्यकर्ता जीत का जश्न मनाते दिख रहे हैं. कार्यकर्ताओं के हाथ में वही झंडा है, जो वायरल फोटो में दिख रहा है.
हमने इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के राष्ट्रीय महासचिव कुन्हाली कुट्टी से भी संपर्क किया. उन्होंने वेबकूफ को बताया - वायरल फोटो में दिख रहा झंडा पाकिस्तान नहीं IUML का है. पहले भी पार्टी के झंडे को पाकिस्तान का बताकर झूठे दावे किए जाते रहे हैं. इस समय जो फोटो वायरल हो रही है वो 2019 लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक में हुई रैली का है.
मतलब साफ है कि विजुअल कम से कम 2 साल पुराने हैं. और इसमें दिख रहा झंडा पाकिस्तान नहीं इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग का है. सोशल मीडिया पर किया जा रहा दावा झूठा है.
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