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सोशल मीडिया पर एक पुरानी तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें राजीव गांधी और राहुल गांधी एक कॉफिन के सामने हाथ जोड़े खड़े हैं. इस फोटो में पीछे सोनिया गांधी और नरसिम्हा राव भी मौजूद हैं. इस तस्वीर के साथ लिखे टेक्स्ट में ऐसा दावा है कि राजीव गांधी के साथ राहुल कलमा पढ़ रहे हैं.
"इन्दिरा जी की शव के सामने राहुल और राजीव गांधी कलमा पढ रहे हैं फिर भी हमारे देश के लोगों को लगता है कि ये लोग ब्राह्मण हैं..."
इस फोटो को फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इसी विवरण के साथ शेयर किया जा रहा है. 'हम लोग' नाम से बने एक फेसबुक पेज ने जब इस फोटो को अपनी वॉल पर शेयर किया, तो घंटेभर के अंदर ही 120 से अधिक लोगों ने इसे अपनी वॉल पर शेयर कर दिया.
शेयर की जा रही ये तस्वीर तो सही है, पर ये इंदिरा गांधी की अंत्योष्टि की नहीं है.
जब इस फोटो की सच्चाई की जांच की गई, तो इसके वास्तविकता का पता चला. skyscrapercity.com नाम की वेबसाइट ने इसी फोटो को 10 दिसंबर, 2016 को शेयर किया था. वेबसाइट ने फोटो को पेशावर के बाचा खान उर्फ खान अब्दुल गफ्फार खान के जनाजे का बताया था.
जब हमने 'बाचा खान का फ्यूनरल' टाइप करके खबर को ढूंढा, तो पता चला कि मोहसिन डावर ने 26 जनवरी, 2016 को अपने ट्विटर हैंडल से इस फोटो को शेयर किया था. मोहसिन डावर पाकिस्तान के वजीरिस्तान प्रान्त से सांसद हैं.
21 जनवरी, 1988 में न्यूयोर्क टाइम्स में छपी एक खबर के मुताबिक, स्वीडन जाने से पूर्व गांधी परिवार पेशावर में रुका था और 'सीमांत गांधी' के नाम से मशहूर खान अब्दुल गफ्फार खान को उनके जनाजे में श्रद्धांजलि दी थी.
'The Pathan Unarmed' किताब में भी इस घटना का जिक्र है. किताब में बताया गया है कि किस तरह कई बड़े नेता प्रोटोकॉल से परे हटकर गफ्फार खान के अंतिम संस्कार में शामिल हुए और श्रद्धांजलि दी. इसमें राजीव गांधी भी एक थे.
हालांकि वायरल तस्वीर के साथ किए गए दावे को 'Boom' ने पहले ही खारिज कर दिया था.
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