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सोशल मीडिया पर नकली और प्रोस्थेटिक दिखती उंगलियों की एक फोटो वायरल हो रही है. दावा किया जा रहा है कि ये उंगलियां लोकसभा चुनाव में कई बार वोट डालने के लिए इस्तेमाल की जाएंगी.
वैसे चुनाव आयोग की प्रक्रिया के मुताबिक, हर वोटर की तर्जनी उंगली पर वोट डालने के बाद स्याही लगाई जाती है.
कई यूजर्स ने ट्विटर और फेसबुक पर फोटो को शेयर किया.
फोटो का 'रिवर्स इमेज सर्च' करने से पता चला कि ये भारत की है ही नहीं.
सर्च करने पर ABC News की 2013 की एक रिपोर्ट सामने आई. इस रिपोर्ट का शीर्षक था - ‘Prosthetic Fingers Help Reform Japan's Feared Yakuza Gangsters’
रिपोर्ट बताती है कि कैसे जापान के प्रोस्थेटिक मेकर शिन्तारो हयाशी कृत्रिम उंगलियों से वहां के पूर्व-गैंगस्टर्स के पुनर्वास में मदद कर रहे हैं.
Yakuza मेंबर्स को गंभीर अपराधों के प्रायश्चित के लिए अपनी उंगलियां काटनी होती है. उंगलियां न होने की वजह से जो मेंबर्स माफिया से बाहर आ जाते हैं उनके लिए काम ढूंढना मुश्किल होता है.
इसीलिए, ये साबित होता है कि ये फोटो जापान की है और लोकसभा चुनाव से इसका कोई लेना-देना नहीं.
वायरल हो रहा पोस्ट फेक हो सकता है लेकिन ये प्लान इससे पहले भी अंजाम देने की कोशिश की जा चुकी है.
2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले India Today में एक रिपोर्ट पब्लिश हुई थी. इसमें बताया गया था कि प्रोस्थेटिक सप्लायर्स का एक गिरोह राजनीतिक पार्टियों को चुनाव में धांधली करने के लिए सिलिकॉन उंगलियां बेचने की कोशिश कर रहे थे.
"ये (फेक उंगली) मतदान के समय पहचानी नहीं जाएगी.कोई खास जांच नहीं होती है. जिन लोगों के हाथ-पांव खराब होते है वो इसे पहन कर पुलिस और आर्मी की भर्ती का एग्जाम पास कर लेते हैं. वोटिंग के समय कोई दिक्कत नहीं होगी. आप जाइए, वोट करिए और वापस आ जाइए," एक डिस्ट्रीब्यूटर ने रिपोर्ट में कहा.
हालांकि, इन उंगलियों का दिया गया ऑर्डर 50-300 की संख्या में था.
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