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सोशल मीडिया पर एक विचलित करने वाला वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो में एक युवती पास में पड़े शख्स के नजदीक जाते हुए रो रही है. वीडियो को फेसबुक और ट्विटर पर पश्चिम बंगाल हिंसा का बताकर शेयर किया जा रहा है. वीडियो शेयर करते हुए कुछ यूजर पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग कर रहे हैं.
वेबकूफ की पड़ताल में सामने आया कि वीडियो असल में आंध्र प्रदेश के श्रीककुलम जिले का है. जहां संक्रमण के डर से एक बीमार मजदूर और उसके परिवार को गांव में नहीं घुसने दिया गया था. मजदूर की हालत बिगड़ती गई और उसने गांव के बाहर अपने परिवार के सामने ही दम तोड़ दिया.
फेसबुक पर वीडियो इस कैप्शन के साथ शेयर किया जा रहा है - प. बंगाल में ममता के खूनी भेड़िये निर्ममता की सारी हदें पार कर चुके हैं. अविलम्ब निर्णय लो मोदी जी अन्यथा ये चीत्कारें कभी माफ नहीं करेगी...#Article356 राष्ट्रपति शासन लगाकर प्रतिकार कीजिये... अन्यथा आने वाला समय माफ नहीं करेगा
वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स को निकालकर हमने इन फ्रेम्स को एक-एक कर रिवर्स सर्च किया. हमें एनडीटीवी के यूट्यूब चैनल पर एक बुलेटिन मे यही वीडियो मिला.
एनडीटीवी के इस बुलेटिन से पता चलता है कि ये मामला आंध्रप्रदेश का है. वीडियो में दिख रही युवती अपने कोरोना संक्रमित पिता को पानी पिलाने के लिए अपनी मां से ही झगड़ रही है. मां बेटी को पानी पिलाने से रोक रही है क्योंकि ग्रामीणों ने कोरोना संक्रमित शख्स को गांव से बाहर ही रखने का फैसला किया था.
न्यूज मिनट वेबसाइट पर भी इस मामले की रिपोर्ट है. इस रिपोर्ट से पता चलता है कि मामला आंध्रप्रदेश के श्रीककुलम जिले का है. जहां दिहाड़ी मजदूर असरी नायडू कोरोना संक्रमित होने के बाद अपने घर लौटे, तो ग्रामीणों ने उन्हें और उनके परिवार को गांव के बाहर ही रहने को कहा. मजदूर की हालत बिगड़ती गई, लेकिन संक्रमण के डर से कोई उसे अस्पताल नहीं ले गया.
द न्यूज मिनट ने डिस्ट्रिक्ट मेडिकल एंड हेहल्थ ऑफिसर डॉ. एन चेनचैया से भी संपर्क किया. उन्होंने कहा कि हमें इस मामले की जानकारी नहीं है, जांच के बाद आपको जानकारी दी जाएगी. सभी कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज अस्पतालों में किया जा रहा है.
इंडिया टुडे ने भी इस मामले को रिपोर्ट किया है.
मतलब साफ है कि कोरोना संक्रमित पिता को पानी पिलाने के लिए तड़पती बेटी का वीडियो बंगाल हिंसा का बताकर गलत दावे से शेयर किया जा रहा है.
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