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नोटबंदी के बाद बैंकों और एटीएम में लगी लंबी लाइनें कई मौतों का कारण बन रही हैं. पश्चिम बंगाल से एक और ऐसा मामला सामने आया है. एटीएम की लाइन में लगे एक शख्स को दिल का दौरा पड़ा और उसकी मौके पर ही मौत हो गई.
हैरानी की बात यह है कि करीब तीस मिनट तक कोई भी शख्स मरने वाले की मदद करने के लिए आगे नहीं आया. लाइन में लगे लोग मदद के लिए सिर्फ इसलिए आगे नहीं आए क्योंकि इसके लिए उन्हें लाइन में अपनी जगह छोड़नी पड़ती.
इस दर्दनाक वाकये ने इंसानियत को भी कठघरे में खड़ा कर दिया है.
शनिवार की सुबह एटीएम की लाइन में लगे 56 साल के कलोल रॉय चौधरी की मौत हो गई. वो राज्य सरकार के कर्मचारी थे. कोलकाता से 60 किमी दूर बैंडेल में एटीएम के नजदीक दिल का दौरा पड़ने के बाद कलोल 30 मिनट तक दर्द से तड़पते रहे. जब तक उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया, उनकी मौत हो चुकी थी.
दरअसल, कलोल कोलकाता के बेहाला स्थित अपने घर जा रहे थे. वह एटीएम की लाइन में लगने के लिए बैंडल स्टेशन के नजदीक ट्रेन बदलने के लिए रुके. उस वक्त उनका एक दोस्त भी साथ था. सुबह सात बजे के करीब वह लाइन में लगे. इसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ने लगी.
कुछ दुकानदार मदद के लिए आगे तो आए लेकिन किसी ने डॉक्टर बुलाने या उन्हें अस्पताल पहुंचाने की कोशिश नहीं की. सुबह साढ़े सात बजे के करीब किसी ने एम्बुलेंस की व्यवस्था की और चौधरी को अस्पताल पहुंचाया गया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.
कलोल के दोस्त ने बताया कि मौके पर मौजूद लोगों ने मदद सिर्फ इसलिए नहीं की क्योंकि वे एटीएम की लाइन में अपनी जगह नहीं छोड़ना चाहते थे.
उनके परिवार ने मौके पर मौजूद लोगों पर अनदेखी का आरोप लगाया और कहा कि कलोल बच जाते अगर उन्हें वक्त पर अस्पताल पहुंचाया गया होता. सीएम ममता बनर्जी ने इस घटना को 'दुर्भाग्यपूर्ण' बताते हुए पूछा कि क्या 'मोदी बाबू' यह सब देख पा रहे हैं?
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