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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोंदी और दुनिया के तमाम नेताओं ने शुक्रवार को G-20 सम्मेलन में आतंकवाद पर सख्त रुख अपनाने की बात की. नेताओं ने आतंकवाद की समस्या से निपटने के लिए संयुक्त प्रयास करने और उसे वित्तीय मदद देने वालों पर नकेल कसने का संकल्प लेते हुए कहा कि दुनिया के हर हिस्से से आतंकियों की सभी पनाहगाह नष्ट की जानी चाहिए.
जी-20 शिखर सम्मेलन के पहले दिन आतंकवाद से निपटने पर 21 बिंदुओं वाले संयुक्त घोषणा पत्र में आपराधिक न्याय संबंधी कार्रर्वाई, एहतियातन कदम उठाने और संचालनात्मक सूचना साझा करने को लेकर खुफिया कानून प्रवर्तन और न्यायिक प्राधिकारियों के बीच सूचना का आदान-प्रदान करने का संकल्प लिया.
इस मौके पर ब्राजील के राष्ट्रपति माइल टेमर, रूस के प्रेसिडेंट व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और साउथ अफ्रीका के प्रेसिडेंट जैकब जुमा भी मौजूद थे.
प्रधानमंत्री मोदी ने जी-20 देशों के नेताओं से अपील की कि वो जलवायु परिवर्तन से निपटने संबंधी कदमों को लेकर आगे आएं. अमेरिका के पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते से पिछले महीने पीछे हटने के निर्णय के बीच जी-20 शिखर सम्मेलन पर उनकी ये टिप्पणी महत्वपूर्ण है.
जलवायु परिवर्तन से निपटने संबंधी कदम पर देशों के आगे आने की आवश्यकता पर बल देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि विकासशील देशों के पास विकास करने के लिए पर्याप्त अवसर होने चाहिए.
पीएम मोदी ने जी-20 शिखर बैठक से इतर जापान और कनाडा के पीएम से भी मुलाकात की. इसके अलावा भी कई नेताओं के साथ उनकी अनौपचारिक बातचीत भी हुई. मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, ब्रिटिश प्रधानमंत्री टेरीजा, जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल और फ्रांसीसी राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों के साथ संक्षिप्त बातचीत की. वहीं सिक्किम गतिरोध के बीच मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनफिंग की भी मुलाकात हुई.
(इनपुट भाषा से)
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