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राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (Ajit Doval) ने नई दिल्ली में अफगानिस्तान (Afghanistan) पर क्षेत्रीय सुरक्षा वार्ता की अध्यक्षता की. इस बैठक में रूस और ईरान के साथ पांच मध्य एशियाई देशों के एनएसए के समकक्ष शामिल हुए. भारत ने इस मीटिंग के लिए पाकिस्तान को भी न्यौता दिया था, लेकिन वो शामिल नहीं हुआ.
बैठक में एनएसए अजीत डोभाल ने कहा कि, इस संवाद की मेजबानी करना भारत के लिए सौभाग्य की बात है. हम अफगानिस्तान के घटनाक्रम पर गहरी नजर रख रहे हैं. न केवल अफगानिस्तान के लोगों के लिए बल्कि उसके पड़ोसियों और क्षेत्र के लिए भी ये अहम है.
अजीत डोभाल ने आगे कहा कि,
कजाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा समिति के अध्यक्ष करीम मासीमोव ने कहा कि, हम अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति को लेकर चिंतित हैं. अफगानों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति बिगड़ रही है और देश मानवीय संकट का सामना कर रहा है.
ताजिकिस्तान के सुरक्षा सचिव ने मीटिंग में कहा कि चूंकि अफगानिस्तान के साथ हमारी लंबी सीमा है, वर्तमान स्थिति मादक पदार्थों की तस्करी और आतंकवाद के लिए अतिरिक्त संभावनाएं पैदा करती हैं. ताजिक-अफगान सीमाओं पर स्थिति जटिल बनी हुई है.
ईरान राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिव अली शामखानी ने प्रवासन को बड़ा मुद्दा बताते हुए कहा कि, इसे करने के लिए एक तंत्र के साथ आने की उम्मीद है.
किर्गिस्तान सुरक्षा परिषद के सचिव मरात एम इमांकुलोव ने बैठक में कहा कि, हमारे क्षेत्र में और पूरी दुनिया में यह बहुत कठिन स्थिति है. ये अफगानिस्तान में आतंकवादी संगठनों के संबंध में है. संयुक्त प्रयासों से अफगान लोगों को मदद दी जानी चाहिए.
रूस की सुरक्षा परिषद के सचिव निकोलाई पेत्रुशेव ने कहा कि, बहुपक्षीय बैठकें अफगानिस्तान में विकास की स्थिति से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने में मदद करती हैं. चुनौतियों का मुकाबला करें, देश से उत्पन्न होने वाले खतरे और देश में लंबे समय तक चलने वाली शांति स्थापित करें.
तुर्कमेनिस्तान सुरक्षा परिषद के सचिव चारमिरत अमानोव ने कहा कि, यह बैठक हमें अफगानिस्तान में मौजूदा स्थिति पर समाधान खोजने और इस क्षेत्र में शांति स्थापित करने का अवसर देती है.
उज्बेकिस्तान की सुरक्षा परिषद के सचिव विक्टर मखमुदोव ने कहा कि,
मीटिंग के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी देशों के एनएसए से मुलाकात की. अफगानिस्तान की ताजा स्थिति पर 5 मध्य एशियाई देशों के साथ-साथ रूस और ईरान के एनएसए भी शामिल हुए. जिसमें एक सुर से अफगानिस्तान के हालातों पर चिंता जताई गई.
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