Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019World Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019G20 में क्यों शामिल किया गया अफ्रीकन यूनियन? ग्लोबल मंच पर 55 देशों को मिलेगी आवाज?

G20 में क्यों शामिल किया गया अफ्रीकन यूनियन? ग्लोबल मंच पर 55 देशों को मिलेगी आवाज?

African Union included in G20: PM मोदी ने कहा कि सभी की सहमति के साथ अफ्रीकन यूनियन G20 का स्थायी सदस्य बनने जा रहा है.

क्विंट हिंदी
दुनिया
Published:
<div class="paragraphs"><p>G20 में क्यों शामिल किया गया अफ्रीकन यूनियन? AU के शामिल होने का क्या होगा परिणाम?</p></div>
i

G20 में क्यों शामिल किया गया अफ्रीकन यूनियन? AU के शामिल होने का क्या होगा परिणाम?

(फोटो-@PR_AZALI)

advertisement

G20 Summit 2023: 55 सदस्य देशों का संगठन अफ्रीकी संघ शनिवार (9 सितंबर) को औपचारिक रूप से G20 में शामिल हो गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समूह में अफ्रीकी संघ के प्रवेश का प्रस्ताव रखा और अन्य नेताओं ने इस पर सहमति व्यक्त की. पीएम मोदी ने अफ्रीकन यूनियन (AU) के अध्यक्ष अजाली असौमानी को जी20 नेताओं की मेज पर एक सदस्य के रूप में अपना स्थान लेने के लिए आमंत्रित किया और उन्हें गले लगाकर जी20 में उनका स्वागत किया.

इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि सभी की सहमति के साथ अफ्रीकन यूनियन G20 का स्थायी सदस्य बनने जा रहा है. पीएम के इस ऐलान के बाद पूरा भारत मंडपम तालियों से गूंज उठा. वहां बैठे सभी नेताओं ने इस कदम का स्वागत किया.

G20 में शामिल होने वाला 21वां सदस्य बना AU

अफ्रीकी संघ 21वां सदस्य है जो G20 में शामिल हुआ है. अब तक इस ग्रुप में कुल सदस्यों की संख्या 20 थी जो अब 21 हो गई है.

अफ्रीकी संघ के शामिल बाद अब ये कुल सदस्य हो गये- अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, दक्षिण कोरिया, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपीय संघ (ईयू) और अफ्रीकी संघ.

क्यों शामिल किया गया अफ्रीकी संघ?

दरअसल, अफ्रीकी महाद्वीप 55 देशों का ग्रुप है. ये दुनिया की कुल जैव विविधता के एक बड़े हिस्से का प्रतिनिधित्व करता है. 21वीं सदी में जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना करने में दुनिया को जिन चीजों की जरूरत पड़ेगी, उसकी पूर्ति के हर साधन अफ्रीकन यूनियन (AU) के पास मौजूद है.

अफ्रीकी महाद्वीप में विश्व की 60% नवीकरणीय ऊर्जा को बनाने में लगने वाला कच्चा माल मौजूद है. उसके पास 30 प्रतिशत से अधिक खनिज हैं, जो नवीकरणीय और निम्न-कार्बन प्रौद्योगिकियों के लिए महत्वपूर्ण हैं.

अगस्त में जारी अफ्रीका के आर्थिक विकास पर संयुक्त राष्ट्र (UN) की रिपोर्ट के अनुसार, कांगो में दुनिया का लगभग आधा कोबाल्ट है, जो लिथियम-आयन (Li-Ion) बैटरी के लिए बहुत जरूरी धातु है. ऐसे में अफ्रीकी यूनियन का मुख्य धारा से जुड़ना दुनिया और खुद अफ्रीका के लिए काफी अहम होगा.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

AU को जी20 में शामिल करने का क्या होगा परिणाम?

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, ग्लोबल इंस्टीट्यूट फॉर सस्टेनेबल प्रॉस्पेरिटी के अध्यक्ष, डेनिसन विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के एसोसिएट प्रोफेसर फधेल कबूब ने कहा, "AU के पास अब वैश्विक व्यापार, वित्त और निवेश वास्तुकला को फिर से डिजाइन करने की एक समझौताहीन मांग के साथ पूरी दुनिया के लिए एक जीत का रास्ता तैयार करने के लिए अपनी 'जी20' स्थायी सीट का उपयोग करने का अवसर है."

इस बीच, केन्या के राष्ट्रपति विलियम रूटो ने कहा कि AU के समूह के शामिल होने से अफ्रीकी हितों और दृष्टिकोणों को जी20 में आवाज और दृश्यता मिलेगी.

इस महीने की शुरुआत में PTI को दिए इंटरव्यू में, पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि अफ्रीका भारत के लिए "सर्वोच्च प्राथमिकता" है और यह वैश्विक मामलों में उन लोगों को शामिल करने के लिए काम करता है जिन्हें लगता है कि उनकी आवाज नहीं सुनी जा रही है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT