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बैंक ऑफ इंग्लैंड ने सोमवार को 50 पाउंड का नया नोट जारी किया. इस नोट में खास बात ये है कि इसमें महान गणितज्ञ एलन ट्यूरिंग की तस्वीर है. बैंक ऑफ इंग्लैंड का नए नोट पर एलन ट्यूरिंग की तस्वीर छापना अपने आप में चौंकाने वाला फैसला है.
बैंक ऑफ इंग्लैंड के गवर्नर ने नया नोट जारी करते हुए कहा, “एलन ट्यूरिंग एक उत्कृष्ट गणितज्ञ थे, जिनके काम ने आज हम कैसे जी रहे हैं, इस पर बड़ा प्रभाव डाला.”
सेकेंड वर्ल्ड वॉर में ब्रिटेन की जर्मनी पर जीत के लिए एलन ट्यूरिंग को भी श्रेय जाता है. वॉर के दौरान जर्मनी की नाजी सेना संकेताक्षरों में संदेश भेजा करती थी, जिससे दुश्मनों को उनकी चाल के बारे में पता न चल सके. इस मशीन को एनिग्मा कहा जाता था. नाजी सेना के संदेशों को डीकोड करने में ट्यूरिंग ने सफलता हासिल कर ली थी.
ट्यूरिंग उन दिनों ब्रिटिश इंटेलिजेंस के साथ काम कर रहे थे, जिसका काम होता था सिग्नलों को पढ़कर सरकार और खुफिया विभाग तक जानकारी पहुंचाना. ट्यूरिंग को हट-8 की जिम्मेदारी मिली, ये विभाग खास जर्मनी की सेना के लिए बनाया गया. यहां रहते हुए एलन ट्यूरिंग ने ऐसी तकनीक ईजाद की, जिससे जर्मनी की नाजी सेना के सभी सिग्नल तेजी से डीकोड किए जाने लगे. इससे ब्रिटेन को वॉर में बड़ा फायदा मिला. ट्यूरिंग की जिंदगी पर हॉलीवुड में 'द इमीटेशन गेम' नाम की फिल्म भी बनी है.
वर्ल्ड वॉर के बाद एलन ट्यूरिंग ने विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में कई काम किए. ट्यूरिंग ने शुरुआती कंप्यूटरों को विकसित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. लेकिन साल 1952 में उनको समलैंगिकता के लिए दोषी पाया गया. उन दिनों ब्रिटेन में समलैंगिकता अपराध माना जाता था.
ट्यूरिंग के खिलाफ केस चला. उनके सामने दो रास्ते थे या तो जेल जाएं या फिर केमिकली बधिया(Castration) करवा लें. ट्यूरिंग ने केमिकल कास्ट्रेशन को चुना. साल 1954 में अपने 42वें जन्मदिन से 16 दिन पहले ट्यूरिंग ने साइनाइड खाकर खुदकुशी कर ली.
साल 2009 में एक ऑनलाइन पेटीशन चला, जिस पर हजारों लोगों ने साइन किए. इससे दबाव में आकर तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री गॉर्डन ब्राउन ने ट्यूरिंग के साथ किए गए व्यवहार के लिए सार्वजनिक तौर पर माफी मांगी और फिर साल 2014 में रानी एलीजाबेथ-II ने उनको माफ कर दिया.
2021 के अंत तक प्रचलन में आने वाले इस नोट पर ट्यूरिंग की 1951 में ली गई तस्वीर मुद्रित की गई है.
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