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NGO को 5 लाख डॉलर देगा अमेरिका, भारत में असहिष्णुता कम करना मकसद

अमेरिका ने भारत,श्रीलंका में धार्मिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देने के लिए करीब पांच लाख डॉलर के ग्रांट को मंजूरी दी है

द क्विंट
दुनिया
Updated:
भारत में असहिष्णुता कम करना चाहता है अमेरिका
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भारत में असहिष्णुता कम करना चाहता है अमेरिका
(फोटो: द क्विंट)

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अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि अमेरिका भारत में गैर सरकारी संगठनों के लिए हालिया घोषित करीब 5 लाख डॉलर की मदद के जरिये वहां सामाजिक सहिष्णुता बढ़ाना चाहता है.

मंत्रालय ने उन संगठनों को आर्थिक मदद मुहैया कराने का ऐलान किया है जो भारत में धार्मिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देने वाले विचारों और प्रोजेक्टस के साथ आगे आना चाहते हैं.

अमेरिका के विदेश मंत्रालय के लोकतंत्र, मानवाधिकार एवं श्रम ब्यूरो ने अपने नोटिस में बुधवार को कहा था कि वो अपने 4,93,827 डॉलर के कार्यक्रम के जरिये भारत में धार्मिक भेदभाव और हिंसा को कम करना चाहता है.

धार्मिक हिंसा और भेदभाव कम करने के लिए फंड

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, इस प्रोग्राम का उद्देश्य धार्मिक हिंसा और भेदभाव को कम करने के लिए नागरिक सुरक्षा में सुधार करना और सामाजिक सहिष्णुता बढ़ाना है. इस फंड से इस दिशा में काम करने वाली एक्टिविटी को सपोर्ट दिया जाएगा.

इसके लिए राशि अमेरिका के सरकारी विदेशी सहायता फंड से मुहैया कराई जाएगी. प्रोग्राम के तहत आर्थिक मदद पाने वालों का ऐलान सफल आवेदकों की छंटनी के बाद की जाएगी.

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अमेरिकी विदेश मंत्रालय चाहता है कि आवेदन करने वाले संगठन हिंसा कम करने के लिए शुरुआती वाॅर्निंग सिस्टम लागू करने, अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक समूहों के बीच टकराव कम करने के कार्यक्रमों को लागू करने समेत दूसरे प्रपोजल के साथ आगे आएं.

गुरुवार को विदेश मंत्रालय ने उन प्रोजेक्ट्स के लिए आवेदन देने में रुचि रखने वाले संगठनों के लिए काॅम्पटीशन का ऐलान किया है, जो भारत में युवाओं की भागीदारी बढ़ाने को सपोर्ट करते हैं. काॅम्पटीशन के लिए युवा नेताओं की उम्र 18 से 35 साल के बीच होनी चाहिए.

ब्यूरो ने कहा कि उसके अनुमान के अनुसार कम से कम एक सफल आवेदक को समर्थन देने के लिए 6,50,000 डॉलर हैं.

भारत और श्रीलंका को मिला ग्रांट

अमेरिकी विदेश मंत्रालय की हाल में आई अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट के अनुसार

  • ईसाई और मुस्लिम कार्यकर्ताओं ने कहा है कि सरकार धर्म से प्रेरित हमलों के खिलाफ उनकी रक्षा के लिए उचित कदम नहीं उठा रही.
  • धर्म से प्रेरित हत्याओं, हमलों, दंगों, भेदभाव, बर्बरता और धर्म का पालन करने के व्यक्तियों के अधिकार को बैन करने वाले कदमों की खबरें मिली हैं.
  • अधिकतर मुस्लिम पीड़ितों के खिलाफ हत्याओं, भीड़ की हिंसा, हमलों और धमकी समेत स्वयंभू गोरक्षा समूहों की हिंसक घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है.
  • हिंदुओं ने मुसलमानों और ईसाइयों को धमकाया, उन पर हमला किया और उनकी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया.

आठ नवंबर को अमेरिका ने ऐलान किया था कि उसने भारत और श्रीलंका में धार्मिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देने वाले विचारों और प्रोजेक्ट्स के साथ आगे आने वाले संगठनों के लिए करीब पांच लाख डॉलर के ग्रांट को मंजूरी दी है.

मंत्रालय की वेबसाइट पर दिए इंफोर्मेशन के अनुसार ब्यूरो दक्षिण और मध्य एशिया में 28 लोकतांत्रिक, मानवाधिकार और श्रम कार्यक्रमों को सपोर्ट करता है. इन कार्यक्रमों के लिए दी जाने वाली राशि एक करोड़ 70 लाख डॉलर से भी अधिक है.

भारत इन ग्रांट कार्यक्रमों के तहत फंड पाने वाले देशों की विदेश मंत्रालय की लिस्ट में शामिल नहीं है. इन कार्यक्रमों के तहत फंड पाने वाले देशों की लिस्ट में अफगानिस्तान, बांग्लादेश, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, नेपाल, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान हैं.

(-इनपुट भाषा से)

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Published: 09 Nov 2017,10:12 PM IST

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