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नॉर्थ कोरिया के साथ व्यापार पर अमेरिका ने चीन को दी चेतावनी

उत्तर कोरिया के बैलिस्टिक मिसाइल प्रक्षेपण के बाद अमेरिका ने सैन्य बल के इस्तेमाल की चेतावनी दी है.

द क्विंट
दुनिया
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अमेरिका ने चीन को दी चेतावनी
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अमेरिका ने चीन को दी चेतावनी
(फोटो: ट्विटर)

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उत्तर कोरिया के बैलिस्टिक मिसाइल छोड़ने के बाद अमेरिका ने सैन्य बल के इस्तेमाल की चेतावनी दी है. इसके साथ ही अमेरिका ने चीन और रूस पर अपना गुस्सा जाहिर किया है.

दो दिन पहले ही खबर आई थी कि उत्तर कोरिया ने एक बार फिर बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया है.

सुरक्षा परिषद की आपात बैठक में संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निकी हेली ने कहा, ''यह एक काला दिन है, क्योंकि उत्तर कोरिया के कदम ने दुनिया को पहले से अधिक खतरनाक स्थान बना दिया है.''

उत्तर कोरिया का अवैध मिसाइल प्रक्षेपण न सिर्फ खतरनाक है, बल्कि लापरवाह और नीचतापूर्ण भी है. इस कदम ने दिखा दिया कि उत्तर कोरिया शांतिपूर्ण दुनिया का हिस्सा नहीं बनना चाहता है. 
अमेरिका की राजदूत निकी हेली 

अमेरिका की चेतावनी

कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी किम जोंग-उन के हवाले से कहा कि अमेरिका के साथ तनाव अंतिम चरण में पहुंच गया है. वहीं हेली ने चेतावनी दी कि अमेरिका अपनी और अपने सहयोगियों की रक्षा के लिए अपनी क्षमताओं का पूरा इस्तेमाल करने के लिए तैयार है.

हेली ने कहा, 'हमारी क्षमता सैन्य बलों में भी है. जरूरत पड़ने पर हम उनका इस्तेमाल करेंगे. हम चाहेंगे कि इस दिशा में जाने की जरूरत ही न पड़े. हमें धमकाने वाले लोगों से निपटने के लिए हमारे पास दूसरे तरीके भी हैं.'

हेली ने बताया कि उन्होंने इस बारे में राष्ट्रपति ट्रंप से बात की है. वहीं चीन का जिक्र करते हुए हेली ने कहा कि उत्तर कोरिया के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंध लागू करने की बड़ी जिम्मेदारी बीजिंग पर है, क्योंकि उत्तर कोरिया का 90 प्रतिशत व्यापार चीन के साथ होता है.

उन्होंने ये चेतावनी भी दी कि कुछ देश सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन करते हुए उत्तर कोरिया के साथ व्यापार के लिए अनुमति दे रहे हैं. कुछ देश तो इसके लिए 'बढावा भी दे रहे हैं.

ऐसे देश अमेरिका के साथ भी अपने व्यापार जारी रखना चाहते होंगे, लेकिन ऐसा नहीं होने वाला है. जब देश अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी खतरों को गंभीरता से नहीं लेते हैं, तो व्यापार के प्रति हमारा रवैया बदल जाता है. 
निकी हेली 

निकी ने कहा, ''किम जोंग और उनके शासन ने बीजिंग और मास्को की किसी बात को न तो सुना है और न ही वह सुनेगा. इसलिए अब समय आ गया है कि हम एकसाथ खड़े हों और कहें कि हम इस कदम को बर्दाश्त नहीं करेंगे. वहां बैठकर प्रतिबंधों का विरोध करना या वहां बैठकर नए प्रस्ताव को नकारने का अर्थ है कि आप किम जोंग उन के हाथ थामे हुए हैं.''

(इनपुट भाषा से)

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