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मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को आतंकवादियों को पनाह देने के लिए गंभीर परिणाम झेलने की चेतावनी दी थी. और अब एक ही दिन बाद अमेरिका के दो प्रमुख नेताओं ने कहा है कि अगर पाकिस्तान आतंकी समूहों को पनाह देना जारी रखता है, तो उसे ‘गैर-नाटो सहयोगी’ का दर्जा खो देने जैसे कई परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं.
ट्रंप ने आतंकी समूहों को पाकिस्तान की ओर से मिलने वाले सहयोग के खिलाफ सख्ती से बोलते हुए कहा था कि इस देश को अमेरिका से अरबों डॉलर मदद के तौर पर मिलते हैं लेकिन यह आतंकियों को शरण देना जारी रखता है.
अमेरिका के रक्षामंत्री जेम्स मैटिस ने कहा कि ट्रंप प्रशासन इस बार इस संदर्भ में पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई जरुर करेगा. मैटिस दरअसल इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि पहले भी ऐसे वादे किए जा चुके हैं लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ कदम उठाने में अमेरिका पीछे ही हटता रहा है.
इसी बीच अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने इस बात से इनकार नहीं किया कि अगर खुफिया जानकारी मिलती है तो अमेरिकी सैन्य बल आतंकियों पर हमला करेंगे. टिलरसन ने कहा , ' ' मेरा मानना है कि अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता हासिल होने से अफगान लोगों के अलावा अगर किसी को सबसे ज्यादा फायदा होगा तो वो पाकिस्तान के लोग हैं.
पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने कहा कि अमेरिका से उनका देश कोई साजो-सामान या वित्तीय मदद नहीं मांग रहा है, लेकिन वाशिंगटन को इस्लामाबाद के साथ इज्जत के साथ पेश आना चाहिए. अफगानिस्तान और दक्षिण एशिया को लेकर अमेरिका की नई नीति का ऐलान करते हुए ट्रंप ने पाकिस्तान पर निशाना साधा था. पाकिस्तान में अमेरिकी राजदूत डेविड हेल ने रावलपिंडी में सेना मुख्यालय में बाजवा से मुलाकात की.
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