advertisement
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के शासन को 'कट्टरपंथी' बताते हुए उसकी निंदा की है. साथ ही 2015 के अंतरराष्ट्रीय परमाणु समझौते के लिए अपना समर्थन वापस ले लिया और इसकी किस्मत का फैसला कांग्रेस पर छोड़ दिया. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप ने शुक्रवार को कहा कि वो इस समझौते को परामर्श के लिए कांग्रेस के पास भेज रहे हैं और अपने सहयोगियों से सलाह लेंगे कि इसमें क्या बदलाव किया जाए.
ट्रंप ने ईरान पर आतंकवाद को प्रायोजित करने का आरोप लगाया और कहा कि वह ईरान को परमाणु हथियार के रास्ते पर नहीं चलने देंगे. ट्रंप ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय समझौता बेहद लचीला है और ईरान ने "कई बार समझौते का उल्लंघन किया." उन्होंने कहा कि इसके बावजूद भी वो समझौते के तहत लाभ उठा रहा है.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, "ईरान मौत, विनाश और अराजकता फैला रहा है." उन्होंने कहा कि परमाणु करार को लेकर अमेरिका की नई रणनीति से ये समस्या दूर होगी. उन्होंने साथ ही कहा कि अमेरिका किसी भी समय इस समझौते से अलग होने का अधिकार रखता है.
अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों का कहना है कि ईरान 2015 में हुए परमाणु समझौते का पूरी तरह पालन कर रहा है, वहीं अमेरिका कह रहा है कि ईरान ने समझौता का उल्लंघन करते हुए अंतरराष्ट्रीय निरीक्षकों को पूरी तरह से निरीक्षण का मौका ही नहीं दिया.
ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा है कि उनके देश के खिलाफ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आक्रामक रणनीति ये दिखाती है कि अमेरिका परमाणु समझौते के अपने विरोध में अलग-थलग पड़ गया है. बता दें कि ट्रंप ने परमाणु समझौते के लिए अपना समर्थन वापस ले लिया है और इसकी किस्मत का फैसला कांग्रेस पर छोड दिया.
रूहानी ने ईरान और विश्व की 6 शक्तियों के बीच ऐतिहासिक समझौते को खत्म करने की ट्रंप की धमकी को खारिज कर दिया. ट्रंप ने धमकी दी है कि अगर कांग्रेस ईरान पर नए कड़् प्रतिबंध नहीं लगाती तो वो समझौता खत्म कर देंगे.
डोनाल्ड ट्रंप की नई ईरान रणनीति को लेकर अमेरिका की राजनीति दो खेमों में बंट गई है. विपक्षी डेमोक्रेटिक नेताओं ने इसे लापरवाही भरा फैसला बताकर आलोचना की तो दूसरी ओर ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी उनके फैसले के समर्थन में खड़ी रही. सीनेट की विदेश संबंधों की समिति के सदस्य बेन कार्डिन ने ट्रंप के फैसले को लापरवाही भरा बताया.
उन्होंने कहा, उनका राष्ट्रपति कार्यकाल शुरू हुए एक साल भी नहीं हुआ और ये राष्ट्रपति का अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाला सबसे खतरनाक फैसला है.
हाउस डेमोक्रेटिक कॉकस के चेयरमैन जो क्राउली ने कहा कि ट्रंप का फैसला लापरवाहीपूर्ण और गैर जिम्मेदार था जिससे दुनियाभर में अमेरिका की विश्वसनीयता कम होगी और उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा प्रभावित होगी. रिपब्लिकन पार्टी में ट्रंप के धुर विरोधी सीनेटर एवं सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति के चेयरमैन जॉन मैक्केन नई ईरान नीति के समर्थन में आए.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)