Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019World Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019जॉनसन, क्लिंटन अब ट्रंप: महाभियोग का सामना करने वाली “त्रिमूर्ति”

जॉनसन, क्लिंटन अब ट्रंप: महाभियोग का सामना करने वाली “त्रिमूर्ति”

दो बार महाभियोग का सामना करने वाले पहले राष्ट्रपति बने डोनाल्ड ट्रंप

क्विंट हिंदी
दुनिया
Published:
दो बार महाभियोग का सामना करने वाले पहले राष्ट्रपति बने डोनाल्ड ट्रंप
i
दो बार महाभियोग का सामना करने वाले पहले राष्ट्रपति बने डोनाल्ड ट्रंप
(फोटो: AlteredByQuint)

advertisement

इन दिनों अमेरिकी राजनीति में हर दिन कुछ नया देखने को मिल रहा है, हालिया मामला डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ लाए गए महाभियोग प्रस्ताव का है. दसअसल कैपिटल हिल यानी अमेरिकी संसद में हुए हमले को लेकर ट्रंप पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया गया है और अमेरिकी हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर 197 वोट के बदले 232 वोट से मुहर लगा दी है. आइए जानते हैं अमेरिका में अब तक कितने राष्ट्रपतियों के खिलाफ महाभियोग लगाया गया है...

ट्रंप दूसरी बार कर रहे हैं सामना, क्या है पूरा मामला?

डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका पहले ऐसे राष्ट्रपति बन गए हैं, जिन्हें दो बार महाभियोग का सामना करना पड़ा है. इससे पहले ट्रंप के खिलाफ 2019 दिसंबर में यह प्रस्ताव लाया गया था. तब आरोप लगाया गया था कि ट्रंप ने यूक्रेन पर जो बाइडेन की छवि खराब करने के लिए दबाव बनाया था. इसके लिए ट्रंप ने 40 करोड़ डॉलर की मिलिट्री ऐड लीवरेज के तौर पर यूक्रेन को दिया था. यूक्रेन से बाइडेन की जांच करने का कहकर कानून तोड़ा था. हालांकि बाद में फरवरी 2020 के दौरान यह प्रस्ताव सीनेट से खारिज हो गया था.

उस समय रिपब्लिकन का बहुमत था और किसी ने भी ट्रंप के खिलाफ वोट वहीं दिया था. इस बार मामला हिंसा के लिए उकसाने को लेकर है. कुछ दिनों पहले अमेरिकी संसद जिसे कैपिटल हिल के नाम से भी जाना जाता है, वहां हमला हो गया था. हमले में एक पुलिसकर्मी सहित पांच लोगों की मौत हो गई थी. इसी संबंध में ट्रंप पर हिंसा भड़काने और भीड़ को उकसाने का आरोप लगाया गया है. इस प्रकार एक ही कार्यकाल में ट्रंप दूसरी बार महाभियोग का सामना कर रहे हैं.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
ट्रंप के विरुद्ध महाभियोग प्रस्ताव संसद के निचले सदन यानी प्रतिनिधि सभा में पारित हो गया है. अब ऊपरी सदन सीनेट में उन आरोपों पर ट्रायल होगा. अगर ट्रंप दोषी साबित होते हैं तो सीनेट ये भी फैसला कर सकती है कि वह दोबारा कभी किसी भी सार्वजनिक पद पर नहीं बैठ सकते हैं.

इससे पहले इनके खिलाफ लाया गया था महाभियोग प्रस्ताव

डोनाल्ड ट्रंप से पहले अमेरिका में केवल दो राष्ट्रपति ऐसे हुए हैं, जिनके खिलाफ निचले सदन में महाभियोग प्रस्ताव पारित हुआ है. सन 1868 में एंड्रयू जॉनसन और 1998 में बिल क्लिंटन के खिलाफ यह प्रस्ताव पेश किया गया था. जॉनसन के खिलाफ रक्षा मंत्री एडविन स्टैंचन के हटने के 11 दिन बाद ही महाभियोग लाया गया था. एडविन राष्ट्रपति की नीतियों से सहमत नहीं थे. जॉनसन ने एडविन को पद से हटा दिया था. जॉनसन का महाभियोग महज एक वोट से बच गया था. इसके लिए एक रिपब्लिकन वोट काम आया था. वहीं राष्ट्रपति बिल क्लिंटन को एक व्यापक जूरी के समक्ष झूठी गवाही देने और न्याय में बाधा डालने के मामले में महाभियोग का सामना करना पड़ा था. यह घटना दिसंबर 1998 की थी. लेकिन सीनेट में यह मामला 1999 में आया था और इसे दो तिहाई बहुमत की मंजूरी नहीं मिल पाई थी.

हालांकि आज तक किसी भी राष्ट्रपति ने महाभियोग के कारण अपनी कुर्सी नहीं गंवाई है.

महाभियोग की प्रक्रिया

अमेरिकी संविधान के अनुसार राष्ट्रपति को देशद्रोह, रिश्वत और दूसरे संगीन अपराधों में महाभियोग का सामना करना पड़ता है. महाभियोग की प्रक्रिया हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स से शुरू होती है और इसे पास करने के लिए साधारण बहुमत की अवश्यकता पड़ती है.

  • सीनेट महाभियोग को मंजूरी देने के लिए दो तिहाई बहुमत की जरूरत होती है.
  • प्रतिनिधि सभा के 51% सदस्यों की सहमति पर महाभियोग की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है.
  • महाभियोग प्रस्ताव सदन में पारित होने के बाद एक जूरी के पास भेजा जाता है जिसकी अध्यक्षता सर्वोच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश करता है.
  • इस जूरी में राष्ट्रपति बचाव पक्ष के रूप में एक अधिवक्ता की नियुक्ति कर सकता है.
  • इस जूरी में प्रस्ताव पास होने के बाद उसे सीनेट में भेजा जाता है. जहां प्रस्ताव को 67% सदस्यों द्वारा अनुमोदित किया जाना होता है.

25वें संशोधन से उपराष्ट्रपति बन सकता है कार्यवाहक राष्ट्रपति

अमेरिका में जब एक राष्ट्रपति अपने कर्तव्यों को जारी रखने में असमर्थ होता है और जब वह शारीरिक या मानसिक बीमारी के कारण काम करने के लिए समर्थ नहीं रह जाता है तब उस समय 25वां संशोधन उपराष्ट्रपति को कार्यवाहक राष्ट्रपति बनने की इजाजत देता है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT