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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से उनकी अभद्र काॅमेंट पर अफ्रीकी संघ ने माफी की मांग की है. ट्रंप ने इमिग्रेशन पाॅलिसी पर एक मीटिंग के दौरान अफ्रीकी देशों को 'शिटहोल्स' कहा था.
ट्रंप ने गुरुवार को आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए सवाल किया था कि अमेरिका, नार्वे जैसे देशों की बजाय हैती और अफ्रीका के 'मलिन' (शिटहोल) देशों के और प्रवासियों को स्वीकार क्यों करेगा?
अफ्रीकी संघ ने कहा है कि वो ट्रंप के काॅमेंट से हैरान है.
अफ्रीकी संघ ने कहा कि इस काॅमेंट से अमेरिकी सिद्धांतों और साथ ही विविधता और मानव गरिमा को लेकर सम्मान की भावना का अपमान हुआ है.
ट्रंप ने गुरुवार को सांसदों से कहा, "हम इन शिटहोल देशों से आ रहे लोगों को पनाह क्यों दे रहे हैं?"
बीबीसी के मुताबिक ट्रंप ने हैती, अल सल्वाडोर और अफ्रीकी देशों के लोगों के बारे में ये बात कही थी. ट्रंप ने कहा कि हमें इनके बजाए नॉर्वे जैसे देशों के प्रवासियों को पनाह देनी चाहिए.
व्हाइट हाउस ने गुरुवार को इस काॅमेंट से इनकार नहीं किया लेकिन ट्रंप ने शुक्रवार को इस तरह की भाषा के इस्तेमाल से इनकार किया.
व्हाइट हाउस में हुई इस मीटिंग में दो रिपबल्किन सीनेटर भी मौजूद थे. उन्होंने ट्रंप के दावे का सपोर्ट किया लेकिन डेमोक्रेटिक सीनेटर डिक डर्बिन ने कहा कि ट्रंप ने अफ्रीकी देशों को कई बार 'शिटहोल्स' कहा और उनके खिलाफ नस्लभेदी भाषा का इस्तेमाल किया.
ट्रंप ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, उन्होंने इस निजी बैठक में जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया, वो सख्त थी लेकिन उन्होंने उन शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया. उन्होंने कहा कि हैती असल में एक बहुत गरीब और समस्याओं से घिरा देश है और हैती से उनके संबंध बहुत अच्छे हैं. भविष्य में उनके साथ बैठक भी होगी.
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