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अफगानिस्तान (Afghanistan) के राष्ट्रपति अशरफ गनी (Ashraf Ghani) ने देश छोड़ने के बाद फेसबुक पर एक पोस्ट लिखकर ऐसा करने की वजह बताई है. गनी ने कहा कि 'खूनखराबे' से बचने के लिए वो अफगानिस्तान से चले गए हैं. 15 अगस्त को तालिबान (Taliban) ने राजधानी काबुल (Kabul) पर कब्जा कर लिया. तालिबान के राष्ट्रपति भवन का नियंत्रण पाने से पहले ही अशरफ गनी अपने सहयोगियों के साथ जा चुके थे.
गनी ने अपने फेसबुक पोस्ट में कहा कि उन्हें 'कठिन चुनाव' करना था कि वो 'हथियारबंद तालिबान' का सामना करें या 'जिस प्रिय देश को वो पिछले 20 सालों से बचाते आ रहे हैं, उसे छोड़ दें.'
अशरफ गनी ने अपने पोस्ट में कहा कि तालिबान या तो अफगानिस्तान के नाम और गौरव बचाएंगे या फिर दूसरी जगहों और नेटवर्क को तरजीह देंगे. गनी ने कहा कि वो 'खूनखराबे की बाढ़' को रोकने के लिए अफगानिस्तान से चले गए हैं.
हाई काउंसिल फॉर नेशनल रिकांसिलिएशन के प्रमुख अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने 15 अगस्त को फेसबुक पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें पुष्टि की गई है कि गनी ने देश छोड़ दिया है. अब्दुल्ला ने कहा कि 'गनी ने अफगानिस्तान के लोगों को संकट और दुख में छोड़ दिया और भगवान उन्हें जवाबदेह ठहराएंगे और देश न्याय करेगा.'
सरकार में साथ आने से पहले अशरफ गनी और अब्दुल्ला अब्दुल्ला राजनीतिक विरोधी थे.
कहा जा रहा है कि अशरफ गनी ताजिकिस्तान चले गए हैं. हालांकि, अभी तक इस बात की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.
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