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जर्मनी की राजधानी बर्लिन में डीजल गाड़ियों में प्रदूषण नियंत्रण में की गई धोखाधड़ी की जांच के सिलसिले में फॉक्सवैगन के ऑडी डिवीजन के सीईओ रूपर्ट स्टैडलर को हिरासत में लिया गया.
धोखाधड़ी और दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ करने के आरोप में रूपर्ट स्टैडलर के घर पर पिछले हफ्ते छापेमारी कर तलाशी ली गई थी.
कंपनी ने एक बयान में पुष्टि की है कि रूपर्ट स्टैडलर को सोमवार सुबह 'अस्थायी रूप से' गिरफ्तार किया गया. कंपनी ने कहा कि स्टैडलर जेल में रहेंगे या नहीं, यह फैसला लेने के लिए अदालत में सुनवाई चल रही है.
जांच प्रक्रिया चलने की वजह से कंपनी ने इसके आगे किसी तरह की टप्पणी करने से इनकार कर दिया.
जर्मन समाचार एजेंसी डीपीए के मुताबिक, अभियोजकों ने इस डर की वजह से स्टैडलर की गिरफ्तारी का फैसला किया कि बिना गिरफ्तारी के वे न्याय प्रक्रिया से बचने की कोशिश कर सकते हैं.
ऑडी की इंजन डेवलपमेंट यूनिट का एक पूर्व प्रमुख पहले से ही जांच के लिए पुलिस हिरासत में है. फॉक्सवैगन को अमेरिका में क्रिमिनल चार्ज के तहत दोषी ठहराया गया है. इसके तहत पूर्व सीईओ मार्टिन विंटरकॉर्न समेत नौ मैनेजरों पर आरोप लगाया गया था. इनमें से दो जेल की सजा काट रहे हैं.
विंटरकॉर्न और अन्य आरोपी जर्मनी में ही हैं और उनके प्रत्यर्पण की संभावना नहीं है.
ऑडी ने पिछले हफ्ते एक बयान में कहा था कि कंपनी जांच में अधिकारियों के साथ सहयोग कर रहा है.
इस पूरे मामले का खुलासा पहली बार सितंबर 2015 के दौरान हुआ था, जिसमें फॉक्सवैगन की ओर से डीजल गाडियों के सॉफ्टवेयर में हेराफेरी कर प्रदूषण के स्तर को छिपाने की बात सामने आई थी. इसके बाद चली लंबी कानूनी प्रक्रिया के दौरान फॉक्सवैगन ने इस बात को सार्वजनिक तौर पर स्वीकार किया था कि उसने अपनी फॉक्सवैगन कारों में सॉफ्टवेयर की मदद से प्रदूषण के स्तर को छिपाने की कोशिश की है.
इसके बाद फॉक्सवैगन के प्रमुख ने भी पूरी दुनिया से माफी मांगते हुए माना था कि उनकी कंपनी ने दुनियाभर में अपनी 1 करोड़ से ज्यादा गाड़ियों के सॉफ्टवेयर के साथ छेड़छाड़ करते हुए प्रदूषण टेस्ट पास करने की कोशिश की थी. इस सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल से कंपनी कारों से किए जा रहे प्रदूषण को 40 गुना कम करके दिखा रही थी.
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