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कई महीनों तक मौत की अफवाहों के बाद अल-कायदा (Al-Qaida) नेता अयमान अल-जवाहरी (Ayman al-Zawahri) फिर से कथित तौर पर “जिंदा” हो उठा है. ओसामा बिन लादेन के बाद अल-कायदा की बागडोर संभालने वाला अल-जवाहरी, 11 सितंबर को अमेरिका पर हुए हमलों की 20वीं बरसी पर एक नए वीडियो में दिखाई दिया.
बॉलीवुड की पुरानी फिल्मों में ऐसे उदाहरणों की भरमार में जिसमें हीरो मरकर फिर से जिंदा हो जाता है, जनता सीन देखती है और ताली बजा देती है. लेकिन जब ऐसी खबर बार-बार घोषित कुख्यात आतंकवादियों के संबंध में सामने आये तो माहौल गंभीर हो जाता है.
अल-जवाहरी 2011 में अमेरिकी सेना के हाथों पाकिस्तान के एबटाबाद में ओसामा बिन लादेन की हत्या के बाद अल-कायदा का नेता बन गया. पिछले कई महीनों से इसकी मौत की “पुख्ता” अफवाह फैली हुई थी. लेकिन 11 सितंबर,2021 को सामने आये 61-मिनट, 37-सेकंड के एक नए वीडियो के बाद इसके जिंदा होने के कयास लगाए जा रहे हैं.
हालांकि अल-जवाहरी की यह टिप्पणी हालिया रिकॉर्डिंग और उसके जिंदा होने का पुख्ता सबूत नहीं हैं, क्योंकि तालिबान के साथ अमेरिका के समझौते पर फरवरी 2020 में ही हस्ताक्षर किए गए थे.
जनवरी 2006 में भी अल-जवाहिरी के अमेरिकी हवाई हमले में पाकिस्तान में कई उच्च-स्तरीय अल-कायदा कमांडरों के साथ मारे जाने की अफवाह आई थी. लेकिन बाद में उसने तत्कालीन राष्ट्रपति बुश को ताना मारते हुए एक वीडियो जारी किया, जिसमें कहा कि, "बुश, क्या आप जानते हैं कि मैं कहां हूं?"
मोख्तार बेलमोख्तार, जिसे ‘द वन-आइड’ , ‘नेल्सन’, ‘द अनकैचेबल’ के नाम से भी जाना जाता है, अल-मुराबिटून समूह का एक अल्जीरियाई नेता , माघरेब में अल-कायदा का पूर्व सैन्य कमांडर, तस्कर और हथियार डीलर है.
लेकिन 2 महीने बाद ही बेलमोख्तार ने नाइजर में एक फ्रांसीसी स्वामित्व वाली यूरेनियम खदान पर और अगाडेज में 150 मील दूर एक सैन्य अड्डे पर दो आत्मघाती ट्रक बम हमलों की जिम्मेदारी ली.
अबू मंसूर अल-अमरीकी के नाम से भी पहचाने जाने वाले और अलबामा में जन्मे आतंकवादी, उमर हम्मामी की “मौत हुई” और वह फिर से जीवित भी हो गया, वो भी एक बार नहीं, बल्कि 3-3 बार.
डोकू उमरोवी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुख्यात तब हुआ जब उसने 24 जनवरी 2011 को मॉस्को हवाई अड्डे पर हुए आतंकी हमलों की साजिश रचने की जिम्मेदारी ली, जिसमें 36 लोगों की जान चली गई थी.
डोकू उमरोवी की मौत का आखरी दावा 2014 किया गया. उसके बाद से इसे नहीं देखा गया है.
जुलाई 2011 में अफगानिस्तान में स्थानीय पत्रकारों को तालिबान के प्रवक्ता ने एक चौंकाने वाली खबर दी: तालिबान का संस्थापक नेता और ओसामा बिन लादेन का दोस्त, मुल्ला मोहम्मद उमर मर गया है. तालिबान के आधिकारिक वेबसाइट ने भी इस खबर की पुष्टि की और दुनिया के सबसे वांटेड आतंकवादियों में से एक के निधन पर अपनी घोषणा पोस्ट की.
लेकिन मौत की यह खबर भी झूठी थी. आधिकारिक तौर पर मुल्ला मोहम्मद उमर 2013 में जाकर मरा. गौरतलब है की मुल्ला मोहम्मद उमर का बेटा मुल्ला मोहम्मद याकूब आज अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार का रक्षा मंत्री है.
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