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इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू संसद में बहुमत से एक बार फिर थोड़े दूर रह गए हैं. गुरुवार को अंतिम परिणाम में इसकी पुष्टि हुई है. लिकुड पार्टी 36 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, जबकि इसकी विपक्षी ब्लू एंड व्हाइट पार्टी को 33 सीट मिलीं. नेतन्याहू अपने छोटे सहयोगी दलों के साथ कुल मिलाकर 58 सीटें ही जीत पाए, जबकि बहुमत के लिए 61 सीटों पर जीत जरूरी थी.
इजराइल में सरकार बनाने को लेकर पिछले एक साल में कई बार कोशिशें हो चुकी हैं. लेकिन हर बार कुछ ऐसे नतीजे सामने आते हैं, जिनसे किसी भी पार्टी की सरकार नहीं बन पाती है.
इसने कहा कि कई चुनाव केंद्रों पर संभावित गड़बड़ी की जांच की जा रही है और 10 मार्च को राष्ट्रपति को सौंपे जाने तक परिणाम आधिकारिक नहीं माना जाएगा.
इससे पहले इजरायल मे जो नतीजे आए थे उनमें भी नेतन्याहू को बहुमत हासिल नहीं हुआ था. जिसके बाद उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी बेनी गैंट्ज से अपील की थी कि वो उनके साथ मिलकर सरकार बनाने में मदद करें. उन्होंने कहा था कि वो तीसरा चुनाव नहीं चाहते हैं. उन्होंने कहा था,
बता दें कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर भ्रष्टाचार के 3 मामलों में आरोप तय किए हैं. इससे इजराइल राजनीतिक व्यवस्था को एक बड़ा झटका लगा. किसी इजराइली प्रधानमंत्री के कार्यकाल के दौरान उस पर आपराधिक आरोप लगने की यह पहली घटना है.
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