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ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो (Jair Bolsnaro) के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई हैं. ब्राजील के सुप्रीम कोर्ट ने वैक्सीन डील में भ्रष्टाचार के आरोपों पर राष्ट्रपति के खिलाफ जांच शुरू करने की अनुमति दे दी है. राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो की सरकार पर भारत बायोटेक कंपनी की कोविड वैक्सीन 'कोवैक्सीन' की डील में भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं.
25 जून को, ब्राजील के स्वास्थ्य मंत्रालय के आयात विभाग के प्रमुख लुइस रिकार्डो मिरांडा और उनके भाई (सांसद) ने आरोपों पर सीनेट कमेटी के सामने गवाही दी थी. मिरांडा ने आरोप लगाया है कि उनपर इंडिया की कंपनी भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड के साथ वैक्सीन के 2 करोड़ डोज खरीदने को लेकर दबाव था. उन्होंने इनवॉयस में "अनियमितताओं" की भी बात बताई थी.
बोल्सोनारो के खिलाफ ये आरोप और जांच ऐसे समय में सामने आई है, जब सरकार की महामारी से निपटने में विफलता की चौतरफा आलोचना हो रही है और सीनेट कमेटी इसकी जांच कर रही है.
भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन की ब्राजील डील को लेकर अनियमितता के आरोपों के बीच बयान में कहा है कि वो 'किसी भी गलत काम की किसी भी धारणा' को दूर करना चाहती है. कंपनी के बयान में कहा गया है, "ब्राजील के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा कोवैक्सीन की खरीद के मामले में, नवंबर 2020 के दौरान पहली मीटिंग से 29 जून तक, आठ महीने की इस प्रक्रिया के दौरान, कॉन्ट्रैक्ट और रेग्युलेटरी अप्रूवल की दिशा में चरण-दर-चरण तरीके का पालन किया गया है."
इसके अलावा कंपनी ने कहा है कि EUA (आपात इस्तेमाल के लिए मंजूरी) 4 जून को मिली, "29 जून तक, भारत बायोटेक को कोई अग्रिम भुगतान नहीं किया गया और न ही उसने ब्राजील के स्वास्थ्य मंत्रालय को वैक्सीन सप्लाई कीं."
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