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Suella Braverman: एक हफ्ते में सुनक ने कराई कैबिनेट में वापसी, भारत से कनेक्शन

Suella Braverman ने विवाद के बाद छह दिन पहले ही गृहमंत्री के पद से इस्तीफा दिया था.

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<div class="paragraphs"><p>Suella Braverman: भारत विरोधी बयान, इस्तीफा और एक हफ्ते में कैबिनेट में वापसी </p></div>
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Suella Braverman: भारत विरोधी बयान, इस्तीफा और एक हफ्ते में कैबिनेट में वापसी

(फोटो: क्विंट)

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ब्रिटेन (Britain) के नए प्रधानमंत्री ऋषि सुनक (PM Rishi Sunak) ने अपनी कैबिनेट का ऐलान कर दिया है. मंत्रिमंडल में भारतीय मूल की सुएला ब्रेवरमैन (Suella Braverman) की वापसी हुई है. उन्होंने दोबारा गृह मंत्री नियुक्त किया गया है. इससे पहले लिज सरकार में भी वह गृह मंत्री थी. हालांकि, एक विवाद के बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था.

एक हफ्ते पहले देना पड़ा था इस्तीफा

लिज सरकार में सुएला 43 दिनों तक गृह मंत्री रहीं. 20 अक्टूबर को उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया था. उन्होंने अपने इस्तीफे की वजह एक ईमेल संबंधी गलती बताई थी. उन्होंने अपने निजी ईमेल से एक सांसद को सरकारी डॉक्यूमेंट भेज दिया था, जिसके बाद गलती की जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने माफी मांगी थी और पद से इस्तीफा दे दिया था.

उन्होंने कहा था कि, "मैंने गलती की है, मैं जिम्मेदारी लेती हूं, मैं इस्तीफा देती हूं."

इस्तीफे के बाद सुएला ब्रिटेन के इतिहास में सबसे कम समय तक सेवा देने वाली गृह मंत्री बन गईं. उनसे पहले कंजरवेटिव के समय ही विंस्टन चर्चिल सरकार में डोनाल्ड सोमरवेल ने 62 दिनों तक गृह मंत्री की कुर्सी संभाली थी. इनसे पहले लेबर पार्टी की सरकार के समय जून 2009 से लेकर 2010 तक एलन जॉनसन 340 दिनों तक ब्रिटेन के गृह मंत्री रहे थे.

सुएला ब्रेवरमैन ने क्या कहा था?

सुएला ब्रेवरमैन पर भारत विरोधी होने के भी आरोप लगे हैं. सुएला ने मुक्त व्यापार समझौते का विरोध करते हुए कहा था कि इससे ब्रिटेन में भारतीय प्रवासियों की भीड़ बढ़ जाएगी. उन्होंने चिंता जताई थी कि भारत-ब्रिटेन के बीच FTA होने पर बड़ी संख्या में भारतीय नागरिक ब्रिटेन में आ सकते हैं. यह कदम ब्रेक्जिट (Brexit) के भी खिलाफ जा सकता है. सुएला के इस बयान की काफी आलोचना हुई थी.

उन्होंने कहा था कि कई भारतीय प्रवासी वीजा की अवधि समाप्त हो जाने के बाद भी ब्रिटेन में ही रहते हैं. ब्रिटिश लोगों ने ब्रेग्जिट से हटने के लिए इसलिए वोट नहीं दिया था कि भारतीयों के लिए ब्रिटेन की सीमा को इस तरह से खोल दिया जाए.

इससे पहले उन्होंने एक इंटरव्यू में ब्रिटिश सम्राज्य की तारीफ करते हुए कहा था कि उन्हें ब्रिटिश सम्राज्य पर गर्व है और वह उसकी संतान हैं. उन्होंने कहा था कि यह ब्रिटिश सम्राज्य ही था जिसने केन्या और मॉरीशस जैसे औपनिवेशिक देशों में बुनियादी ढांचा, कानूनी व्यवस्था, सिविल सेवा और सेना बनाई. हालांकि, इस बयान के बाद भी उनकी काफी आलोचना हुई थी.

सुएला का राजनीतिक सफर

42 वर्षीय सुएला ब्रेवरमैन का राजनीतिक करियर 2005 में शुरू हुआ. 2015 में वह पहली बार फरेहम (Fareham) से सांसद बनीं. 2018 तक वह शिक्षा चुनाव समिति में रहीं. इसके बाद 2020 में वह अटॉर्नी जनरल नियुक्त हुईं.

वह ब्रेक्सिट की समर्थकों में से एक मानी जाती हैं. 2016 में उन्होंने यूरोपीय संघ छोड़ने के लिए प्रचार भी किया था. इसके दो साल बाद, वह यूरोपीय संघ से बाहर निकलने के विभाग में संसदीय अवर सचिव बनीं.

सुएला का इंडियन कनेक्शन

सुएला ब्रेवरमैन का जन्म 03 अप्रैल 1980 में ग्रेटर लंदन में हुआ था. वह भारतीय मूल की ब्रिटिश नागरिक हैं. उनके माता-पिता क्रिस्टी और उमा फर्नांडीज भारतीय मूल के हैं. उनकी मां मॉरीशस से ब्रिटेन जाकर बस गई थीं. जबकि उनके पिता 1960 के दशक में केन्या से ब्रिटेन गए थे.

उनकी परवरिश और पढ़ाई वेम्बले में हुई. कैंब्रिज के क्वींस कॉलेज से सुएला ने लॉ की पढ़ाई की. 2018 में रायल ब्रेवरमैन नाम के शख्स से उन्होंने शादी की. उनके दो बच्चे हैं. ब्रेवरमैन बौद्ध अनुयायी हैं. उन्होंने संसद में भगवान बुद्ध के उपदेशों के ‘धम्मपद’ ग्रंथ पर शपथ भी ली थी.

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