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नए खुलासे में पता चला है कि ब्रिटिश सेना (British forces) अफगानिस्तान (Afghanistan) संघर्ष के दौरान 86 अफगानी बच्चों और 200 से अधिक वयस्क आम नागरिकों की मौत से जुड़ी हुई है. सामने आये आंकड़ों की माने तो ब्रिटिश सेना के हाथों हुई प्रत्येक मौत के लिए औसतन केवल £ 2,380 (2.40 लाख भारतीय रूपये) का मुआवजा दिया गया.
यह जानकारियां ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय (MoD) के आधिकारिक मुआवजे के लॉग में रिकॉर्ड हैं, जिसे कई ‘फ्रीडम ऑफ इन्फॉर्मेशन’ (RTI की तरह) की याचिका दायर कर प्राप्त किया गया है. डेटा को एक्शन ऑन आर्म्ड वायलेंस (AOAV) ने इकठ्ठा किया था. AOAV ने पिछले महीने अफगानिस्तान से पश्चिमी बलों की वापसी के साथ मुआवजे के लॉग की जांच की थी.
आंकड़ों के अनुसार जिस सबसे कम उम्र के अफगान सिविलियन को मारने पर ब्रिटिश सेना ने मुआवजा दिया था, उसकी उम्र महज तीन साल थी.
यहां तक कि रिकॉर्ड के अनुसार दिसंबर 2009 को एक घटना में गलती से ब्रिटिश सेना के हाथों "गोली लगने से मरे" चार बच्चों के परिवार को मात्र £4,233.60 का मुआवजा दिया था, आज की भारतीय करेंसी में 4.27 लाख.
कुल मिलाकर मुआवजे के आंकड़े दिखाते हैं कि यूके की सेना ने 2006 से 2013 के बीच 289 मौतों की घटनाओं के लिए £ 688,000 का भुगतान किया था.इसका इसका अर्थ है कि प्रति मारे गए नागरिक को ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय द्वारा भुगतान किया गया औसत मुआवजा £ 2,380 (2.40 लाख) था.
एक्शन ऑन आर्म्ड वायलेंस (AOAV) का अनुमान है कि 20 साल के संघर्ष के दौरान अंतरराष्ट्रीय और अफगान बलों द्वारा 20,390 नागरिक मारे गए या घायल हुए - हालांकि यह तालिबान और अन्य विद्रोहियों द्वारा मारे गए नागरिकों की संख्या का एक तिहाई है.
इस बीच 20 सालों में अफगानिस्तान के अंदर कुल 457 ब्रिटिश सैनिक भी मारे गए.
(इनपुट्स- द गार्डियन)
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