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भीम आर्मी के चंद्रशेखर आजाद समेत पांच भारतीय मूल की हस्तियां टाइम मैगजीन की 100 'उभरते नेताओं' की वार्षिक सूची का हिस्सा हैं, जो भविष्य को आकार दे रहे हैं. 2021 टाइम 100 नेक्स्ट में उन 100 उभरते नेताओं को शामिल किया गया है जो भविष्य को आकार दे रहे हैं.
टाइम मैगजीन की सूची में शामिल भारतीय मूल की हस्तियां
आजाद पर टाइम प्रोफाइल कहती है, “34 वर्षीय एक दलित चन्द्रशेखर आजाद, भारत के सबसे दबे-कुचले जाति समूह के सदस्य हैं. वह जिस आंदोलन का नेतृत्व करते हैं, भीम आर्मी शिक्षा के माध्यम से गरीबी से बचने के लिए दलितों की मदद के लिए स्कूल चलाती है. यह जाति-आधारित हिंसा के शिकार और भेदभाव के खिलाफ प्रदर्शनों का आयोजन करती है, मोटरबाइक पर गांवों में घुसकर इसके खिलाफ आवाज उठाती है.”
शिखा गुप्ता पर टाइम ने कहा कि चिकित्सा पेशेवरों और अन्य टीम के सदस्यों के एक समर्पित गठबंधन द्वारा संचालित, गेट अस पीपीपीई संगठन- जहां गुप्ता कार्यकारी निदेशक हैं - ने 65 लाख से अधिक पीपीई पीस को फ्रंटलाइन वर्कर्स को वितरित करने में मदद की है.
2018 में, 25 वर्षीय रोहन पावुलुरी ने अपसॉल्व की स्थापना की, जो एक गैर-लाभकारी कंपनी है जो उपयोगकर्ताओं को अपने स्वयं के दिवालिया फॉर्म भरने में मदद करने के लिए एक मुफ्त ऑनलाइन टूल प्रदान करती है। आज तक, अपसॉल्व ने अमेरिकी यूजर्स को 30 करोड़ डॉलर से अधिक ऋण में राहत देने में मदद की है।
टाइम ने कहा कि ब्रिटेन के चांसलर ऋषि सुनक पोलस्टर यूजीओवी के अनुसार, देश के सबसे लोकप्रिय राजनेता बने हुए हैं. उन्होंने कहा कि वह ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री होने के लिए पसंदीदा हैं.
टाइम प्रोफाइल ने कहा कि ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी प्रशांत महासागर में एक निजी द्वीप पर थे जब उन्हें पता चला कि तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को उनके प्लेटफॉर्म से निलंबित कर दिया गया था. 6 जनवरी को विजया गड्डे ने इसकी सूचना दी. जो ट्विटर की टॉप वकील और पॉलिसी हेड हैं.
न्यूयॉर्क टाइम्स ने पहली बार इस बारे में जानकारी दी थी कि एक फोन कॉल के दौरान गड्डे ने डोर्सी को बताया कि यह निर्णय उस दिन हिंसा के जोखिम को कम करने के लिए लिया गया. दो दिनों के भीतर, गड्डे और टीम के अन्य कर्मचारियों ने ट्रंप को स्थायी रूप से ट्विटर पर से बैन करने में झिझक रहे डोर्सी को ऐसा करने के लिए मना लिया.
टाइम प्रोफाइल ने कहा कि कोविड -19 महामारी के शुरुआती दिनों में, इंस्टाकार्ट को ढेरो आर्डर की लहर का सामना करना पड़ा, क्योंकि बड़ी संख्या में लोगों ने किराने का सामान खरीदने के लिए सर्विस वर्कर्स को भुगतान करना चुना. मेहता ने कहा कि उस समय हमारे पास पर्याप्त शॉपर्स नहीं थे. इंस्टाकार्ट 300,000 गिग वर्कर्स को कुछ ही हफ्तों में लाया गया और इसने अगले महीने और ज्यादा वर्कर्स हायर करने की घोषणा की.
इंस्टाकार्ट - जिसने पिछले साल उद्यम-पूंजी वित्तपोषण में 50 करोड़ से अधिक जुटाए -इसने विस्तार करना जारी है। मेहता ने कहा कि स्मार्टफोन भविष्य का सुपरमार्केट है. हम उस सह-निर्माण में मदद करने जा रहे हैं.
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