advertisement
चीन के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में रहने वाले ईसाइयों को ईसा मसीह की तस्वीरें हटा कर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की तस्वीरें लगाने को कहा गया है. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक ईसाइयों को बोला गया है कि अगर वो गरीबों के लिए चलाई जाने वाली योजनाओं का फायदा उठाना चाहते हैं तो उन्हें ऐसा करना होगा.
युगान काउंटी के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले हजारों ईसाइयों को स्थानीय अधिकारियों ने कहा है कि ईसा मसीह उन्हें गरीबी या बीमारियों से निजात नहीं दिलाएंगे. ये काम चाइना कम्युनिस्ट पार्टी करेगी. इसलिए, उन्हें जीजस क्राइस्ट की बजाय राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अच्छी सी तस्वीर लगानी चाहिए.
चीन की सबसे बड़ी ताजे पानी की झील, पोयांग के किनारे बसे जियांगशी राज्य के इस इलाके को गरीबी और बड़ी तादाद में रहने वाली ईसाई जनसंख्या के लिए जाना जाता है. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने आधिकारिक आंकड़ों के हवाले से छापी रिपोर्ट में कहा कि यहां रहने वाले 10 लाख लोगों में करीब 11 फीसदी देश की गरीबी रेखा के नीचे आते हैं. जबकि 10 फीसदी आबादी ईसाई है.
ये कम्युनिस्ट चीन के पहले बड़े नेता, माओ जेदोंग के दिनों की याद दिलाता है जब उनकी तस्वीर करीब-करीब हर घर में लगी होती थी.
चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य, ताजा अभियान में ग्रामीण हिस्सों का दौरा कर लोगों को गरीबी हटाने से जुड़ी योजनाओं की जानकारी दे रहे हैं. पोस्टर बदलने की नसीहत भी ऐसे ही अभियानों के दौरान दी गई. इन अभियानों का मकसद न सिर्फ 2020 तक गरीबी हटाने के सरकारी एजेंडे को आगे बढ़ाना है बल्कि समाज के सबसे निचले पायदान पर खड़े लोगों पर अपनी पकड़ मजूबत करना भी है.
गरीबी राहत अभियान के इंचार्ज की यान ने साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट अखबार को बताया,
की यान ने ये भी बताया कि टाउनशिप सरकार ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग के 1000 से ज्यादा पोस्टर बांटे हैं ताकि उन्हें घरों में लटकाया जा सके.
(इनपुट- ANI से)
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)