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पुलवामा आतंकी हमले के मास्टर माइंट जैश-ए-मुहम्मद के सरगना मसूद अजहर पर जल्द ही शिकंजा कस सकता है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) से उसे ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किए जाने की उम्मीद बढ़ गई है. दरअसल, अब चीन ने मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने के लिए सकारात्मक रुख दिखाया है.
आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र की ओर से ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने के भारत के प्रयासों के बीच चीन ने सकारात्मक संकेत दिए हैं. चीन ने दावा किया है कि मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र की ओर से ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किए जाने के मुद्दे पर सकारात्मक प्रगति हुई है.
चीन ने अमेरिका पर भी निशाना साधा है. चीन ने अमेरिका पर आरोप लगाया है कि उसने इस मामले को सीधे सुरक्षा परिषद में ले जाकर गलत उदाहरण पेश किया है. इसी वजह से मसूद के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में लाया गया प्रस्ताव विफल हो गया.
मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किए जाने के फ्रांस के प्रस्ताव पर चीन के अड़ंगा लगाने के 2 हफ्ते बाद अमेरिका ने 27 मार्च को एक बड़ा कदम उठाया था. अमेरिका ने मसूद अजहर को ब्लैकलिस्ट करने, उस पर यात्रा प्रतिबंध लगाने, उसकी संपत्ति की खरीद-बिक्री पर रोक और हथियार रखने पर रोक लगाने के लिए 15 देशों के शक्तिशाली परिषद में ड्राफ्ट पेश किया था.
चीन ने पिछले हफ्ते जैश सरगना मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने में बाधा डालने के अपने बार-बार के प्रयासों का बचाव किया था और अमेरिका के उस आरोप से इनकार किया था कि उसकी कार्रवाई हिंसक इस्लामिक समूहों को प्रतिबंधों से बचाने जैसी है.
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने सोमवार को मीडिया ब्रीफिंग में कहा, 'अजहर से संबंधित आवेदन को प्रस्तावित किए जाने के बाद चीन विभिन्न पक्षों के साथ संपर्क और समन्वय बिठा रहा है और उसने सकारात्मक प्रगति की है. अमेरिका यह बहुत अच्छे से जानता है.'
बता दें, चीन मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किए जाने के प्रयासों में इससे पहले चार बार अड़ंगा अटका चुका है. चीन ने बीते 13 मार्च को अमेरिका, ब्रिटेन से समर्थित फ्रांस के प्रस्ताव को यह कहकर बाधित कर दिया था कि उसे मामले को समझने के लिए और वक्त चाहिए.
चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा था कि प्रस्ताव पर रोक यह ध्यान में रखते हुए भी लगाई गई थी कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद संबंधित पक्ष को बातचीत करने का समय मिल सके. इसके बाद अमेरिका ने अजहर को ब्लैकलिस्ट करने के लिए 27 मार्च को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सीधे एक प्रस्ताव पेश कर दिया था. लेकिन अब चीन की ताजा टिप्पणी सकारात्मक संकेत दे रही है.
बीती 27 फरवरी को नई दिल्ली में तैनात पाकिस्तान के कार्यकारी उच्चायुक्त को भारत ने पुलवामा हमले में जैश के शामिल होने, पाकिस्तान में जैश के कैंपों और उसके आतंकियों के होने को लेकर कई महत्वपूर्ण दस्तावेज सौंपे थे.
इससे पहले 14 फरवरी को पुलवामा आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे. हालांकि पाकिस्तान का कहना है कि उसे पुलवामा हमले और जैश में कोई लिंक नहीं मिला है और उसने भारत से और ज्यादा सबूत मांगे हैं.
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