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चीन में कोरोनावायरस की वजह से मरने वालों की संख्या बढ़कर 25 तक पहुंच चुकी है. देशभर में 23 जनवरी तक इस विषाणु से 830 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हो चुकी है.
इस बीच चीनी नववर्ष की वार्षिक छुट्टियों (जो 24 जनवरी से शुरू हो रही हैं) से पहले सड़कों पर भीड़भाड़ बढ़ने के मद्देनजर गाड़ियों, ट्रेनों, विमानों समेत आवागमन के अलग-अलग माध्यमों को रोक दिया गया है. चीनी अधिकारियों ने 23 जनवरी की शाम हुबेई प्रांत में पांच शहरों - हुगांग, एझाओ, झिजियांग, क्विनजिआंग और वुहान में सार्वनजिक परिवहन को रोकने की घोषणा की.
देश में सबसे ज्यादा प्रभावित वुहान के रेलवे स्टेशन पर पुलिस, स्वात टीम और अर्द्धसैन्य कर्मियों को तैनात किया गया है. पास के हुगांग और एझाओ में भी यही स्थिति है. मनोरंजन केंद्र, सिनेमाघर, इंटरनेट कैफे और बाकी केंद्रों को भी बंद करने का आदेश दिया गया है.
भारत के लिहाज से चिंता की वजह ये है कि करीब 700 भारतीय छात्र वुहान और आसपास के इलाके में रहते हैं. इन छात्रों में ज्यादातर में चिकित्सा की पढ़ाई करते हैं. हालांकि बहुत से छात्र छुट्टियों पर घर आए हुए हैं.
चीन में फैले नए विषाणु के केंद्र में मौजूद 1.1 करोड़ आबादी वाले द्वीप शहर वुहान को प्रशासन की ओर से सील किए जाने के कुछ समय पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने स्थानीय प्रतिनिधि गौडेन गालिया के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल को हालात का जायजा लेने के लिए भेजा.
गालिया के नेतृत्व में पांच सदस्यीय दल ने चीन रोग नियंत्रण केंद्र की स्थानीय जैव सुरक्षा प्रयोगशाला, अस्पतालों और हवाई अड्डों का दौरा किया. इस दौरान गालिया ने स्वास्थ्य कर्मियों, आपदा निरीक्षकों और शहर के अधिकारियों से बातचीत की जिन्होंने बताया कि कैसे प्रशासन पीड़ितों की पहचान करने और रोग को फैलने से रोकने के लिए कदम उठा रहा है.
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