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अगर देश में पर्यटन को बढ़ावा देना है, तो सार्वजनिक शौचालयों के स्तर और संख्या में इजाफा करना होगा. ये बात चीन बखूबी समझने लगा है. चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पर्यटन क्षेत्र में ‘शौचालय क्रांति’ से जुड़े कामों में हासिल हुई उपलब्धियों को लेकर कहा है कि पिछले दो साल में इस दिशा में जो काम हुए हैं, उन्हें जारी रखने की जरूरत है.
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का कहना है कि देश को 'शौचालय क्रांति' के अभियान के तहत सार्वजनिक शौचालयों को अपग्रेड करना जारी रखना चाहिए ताकि घरेलू पर्यटन को बढ़ावा मिल सके. समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने सोमवार को शी के हवाले से बताया-
चीन के राष्ट्रीय पर्यटन प्रशासन ने साल 2018 से 2020 तक देशभर के पर्यटन स्थलों पर 64,000 शौचालयों के निर्माण और अपग्रेडेशन के लिए पिछले महीने एक योजना शुरू की थी. चीन में साल 2015 में 'शौचालय क्रांति' की शुरुआत हुई थी और तब से चीन के पर्यटन उद्योग ने 68,000 शौचालयों की मरम्मत और अपग्रेड करने का काम किया है.
चीन के ज्यादातर पर्यटन स्थलों के सार्वजनिक शौचालयों की छवि सैलानियों के बीच काफी खराब है. यहां टूरिस्ट अक्सर नाकाफी और गंदे टॉयलेट के अलावा सफाईकर्मियों की कमी की शिकायत भी करते हैं. लेकिन चीन की नयी नीति के तहत अब इस स्थिति को सुधारने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाया जा रहा है.
साल 2014 में सत्ता में आने के बाद से बीजेपी सरकार ने 'स्वच्छ भारत अभियान' के तहत देश भर में शौचालय निर्माण पर जोर दिया. लोगों को खुले में शौच करने से रोकने के लिए देश भर में सरकारी सहायता से ग्रामीण स्तर पर शौचालयों का निर्माण करवाया जा रहा है.
(इनपुट- IANS से)
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