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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान पर चीन की प्रतिक्रिया सामने आई है, जिसमें उन्होंने चीन को साफ संदेश देते हुए कहा था कि विस्तारवाद का युग समाप्त हो चुका है. भारत में चीनी दूतावास की प्रवक्ता जी रोंग ने कहा है कि चीन को विस्तारवादी के तौर पर देखना आधारहीन है.
बता दें कि गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों बीच हिंसक झड़प के कुछ दिनों बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत के साथ 3 जुलाई को लेह पहुंचे.
भारत और चीन के बीच हालिया तनाव की बात करें तो पूर्वी लद्दाख में 5 मई की शाम चीन और भारत के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी जो अगले दिन भी जारी रही, जिसके बाद दोनों पक्ष अलग हुए. हालांकि, गतिरोध जारी रहा.
इसी तरह की घटना उत्तरी सिक्किम में नाकू ला दर्रे के पास 9 मई को भी हुई जिसमें भारत और चीन के सैनिक आपस में भिड़ गए. इसके बाद 15-16 जून की रात दोनों देशों के बीच गलवानी घाटी में हिंसक झड़प हो गई, जिसमें एक कर्नल सहित भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए. न्यूज एजेंसी एएनआई ने भारतीय सेना के हवाले से बताया कि झड़प में दोनों पक्षों से (अधिकारी/जवान) हताहत हुए हैं.
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि पहले शीर्ष स्तर पर जो सहमति बनी थी, अगर चीनी पक्ष ने गंभीरता से उसका पालन किया होता तो दोनों पक्षों की ओर जो हताहत हुए हैं उनसे बचा जा सकता था.
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