Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019World Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019हमें विस्तारवादी के रूप में देखना आधारहीन: PM मोदी के बयान पर चीन

हमें विस्तारवादी के रूप में देखना आधारहीन: PM मोदी के बयान पर चीन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 3 जुलाई के बयान पर चीन की प्रतिक्रिया सामने आई है

क्विंट हिंदी
दुनिया
Updated:
सांकेतिक तस्वीर
i
सांकेतिक तस्वीर
(फोटो: क्विंट हिंदी)

advertisement

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान पर चीन की प्रतिक्रिया सामने आई है, जिसमें उन्होंने चीन को साफ संदेश देते हुए कहा था कि विस्तारवाद का युग समाप्त हो चुका है. भारत में चीनी दूतावास की प्रवक्ता जी रोंग ने कहा है कि चीन को विस्तारवादी के तौर पर देखना आधारहीन है.

रोंग ने ट्वीट कर कहा, ‘’चीन ने शांतिपूर्ण बातचीत के जरिए अपने 14 पड़ोसी देशों में से 12 के साथ सीमा का सीमांकन किया है.’’ इसके साथ ही उन्होंने कहा,’’ चीन को “विस्तारवादी” के रूप में देखना, पड़ोसियों के साथ उसके विवाद को गढ़ना और बढ़ा-चढ़ाकर बताना आधारहीन है.’’ 

बता दें कि गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों बीच हिंसक झड़प के कुछ दिनों बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत के साथ 3 जुलाई को लेह पहुंचे.

इस दौरे पर जवानों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘’विस्तारवाद का युग समाप्त हो चुका है. यह युग विकासवाद का है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘विस्तारवाद की जिद किसी पर सवार हो जाती है तो उसने हमेशा विश्व शांति के सामने खतरा पैदा किया है, और यह न भूलें इतिहास गवाह है, ऐसी ताकतें मिट गई हैं या मुड़ने को मजबूर हो गई हैं.’’ 

भारत और चीन के बीच हालिया तनाव की बात करें तो पूर्वी लद्दाख में 5 मई की शाम चीन और भारत के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी जो अगले दिन भी जारी रही, जिसके बाद दोनों पक्ष अलग हुए. हालांकि, गतिरोध जारी रहा.

इसी तरह की घटना उत्तरी सिक्किम में नाकू ला दर्रे के पास 9 मई को भी हुई जिसमें भारत और चीन के सैनिक आपस में भिड़ गए. इसके बाद 15-16 जून की रात दोनों देशों के बीच गलवानी घाटी में हिंसक झड़प हो गई, जिसमें एक कर्नल सहित भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए. न्यूज एजेंसी एएनआई ने भारतीय सेना के हवाले से बताया कि झड़प में दोनों पक्षों से (अधिकारी/जवान) हताहत हुए हैं.

गलवान मामले पर भारत ने कहा कि भारत और चीन की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प क्षेत्र में यथास्थिति को एकतरफा तरीके से बदलने की चीनी पक्ष की कोशिश के चलते हुई.

भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि पहले शीर्ष स्तर पर जो सहमति बनी थी, अगर चीनी पक्ष ने गंभीरता से उसका पालन किया होता तो दोनों पक्षों की ओर जो हताहत हुए हैं उनसे बचा जा सकता था.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 04 Jul 2020,07:58 AM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT