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चीन ने बुधवार को कहा कि उसकी अरबों डालर की बेल्ट एंड रोड प्रोजेक्ट (BRI) को लेकर भारत का रवैया ढुलमुल बना हुआ है. इसके साथ ही उसने ये भी कहा है कि चीन-पाक इकनॉमी कॉरिडोर (CPEC) प्रोजेक्ट में कोई क्षेत्रीय विवाद शामिल नहीं है जैसा कि भारत इसके बारे में दावा कर रहा है. CPEC भी चीन की BRI योजना का ही हिस्सा है. चीन ये कहता रहा है कि 50 अरब डॉलर की उसकी CPEC एक लिंक वे प्रोजेक्ट है.
ये योजना पाकिस्तान के कब्जे वाली कश्मीर से होकर गुजरेगी. चीन का कहना है कि इस प्रोजेक्ट से उस इलाके के बारे में उसके इस रुख में कोई बदलाव नहीं आएगा कि कश्मीर मुद्दे का समाधान भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत के जरिये किया जाना चाहिये. भारत ने CPEC पर एतराज जताया है कि यह परियोजना विवादित कश्मीर क्षेत्र से होकर गुजर रही है. इसलिए उसने मई में चीन द्वारा आयोजित बेल्ट एंड रोड फोरम का बहिष्कार किया था.
बता दें कि भारत के ढुलमुल रवैये वाले बयान को चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने भारत में रूस के राजदूत निकोले कुदाशेव की एक टिप्पणी के जवाब में कही. कुदाशेव ने मंगलवार को दिल्ली में कहा था कि BRI पर भारत और चीन अपने मतभेदों को दूर करें.
चुनयिंग ने कहा, BRI पर हम सहयोग के लिए खुला रgख रखते हैं. चुनयिंग ने कहा कि BRI इसमें शामिल देशों के अलावा दूसरे देशों को भी लाभ पहुंचायेगा. चीन ने कई बार कहा है कि सीपीईसी एक आर्थिक सहयोग गलियारा है और इसमें किसी तीसरे पक्ष पर निशाना नहीं साधा गया है और ना ही इसमें कोई क्षेत्रीय विवाद शामिल है.
उन्होंने कहा कि BRI का प्रस्ताव चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने 2013 में किया था और तब से अब तक इसकी प्रगति सामान्य है. इसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय का बडे पैमाने पर समर्थन मिला है.
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