Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019World Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019चीन का दावा-LAC के हमारी ओर है गलवान घाटी,भारत पर मढ़ा झड़प का दोष

चीन का दावा-LAC के हमारी ओर है गलवान घाटी,भारत पर मढ़ा झड़प का दोष

गलवान घाटी हिंसक झड़प मामले पर चीन के विदेश मंत्रालय का बयान 

क्विंट हिंदी
दुनिया
Updated:
सांकेतिक तस्वीर
i
सांकेतिक तस्वीर
(फोटो: क्विंट हिंदी)

advertisement

चीन के विदेश मंत्रालय ने दावा किया है कि गलवान घाटी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के चीन की तरफ है. हालांकि, भारत पहले ही गलवान घाटी पर चीनी सेना के संप्रभुता के दावे को खारिज कर चुका है.

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने 15-16 जून की रात गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के लिए एक बार फिर भारत पर दोष मढ़ा है.

भारत में चीनी दूतावास ने गलवान हिंसक झड़प के मामले पर झाओ के हवाले से एक बयान जारी किया है. बयान में दावा किया गया है, ''15 जून की शाम को, कमांडर-स्तरीय बैठक में हुए समझौते का उल्लंघन करते हुए, भारत के अग्रिम पंक्ति के सैनिकों ने, एक बार फिर से जानबूझकर उकसावे के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा को पार किया, जब गलवान घाटी में स्थिति पहले से ही हल्की हो रही थी, और यहां तक कि बातचीत के लिए वहां गए चीनी अधिकारियों और सैनिकों पर भी हिंसक हमला किया, जिससे भयंकर झड़प हो गई.''

बयान में दावा किया गया है, ‘‘गलवान घाटी वास्तविक नियंत्रण रेखा के चीन की तरफ है. कई सालों से वहां चीनी सुरक्षा गार्ड गश्त कर रहे हैं और अपनी ड्यूटी निभाते हैं.’’

चीन ने दावा किया है, ''इस साल अप्रैल से, भारतीय सैनिकों ने एक एकतरफा तरीके से और लगातार गलवान घाटी में एलएसी पर सड़कें, पुल और दूसरी सुविधाओं का निर्माण किया है. चीन ने कई मौकों पर विरोध जताया, लेकिन भारत एलएसी को पार करने और उकसावे के लिए और भी आगे बढ़ गया.''

बता दें कि इससे पहले चीनी सेना ने गुरुवार को दावा किया था कि गलवान घाटी की संप्रभुता हमेशा चीन से जुड़ी रही है. इस दावे पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने 6 जून को लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की बातचीत के दौरान तनाव कम करने के संबंध में चीनी और भारतीय सेनाओं के बीच बनी आपसी सहमति का जिक्र किया. उन्होंने कहा, ‘‘अनुचित और बढ़ा-चढ़ाकर दावा करना इस आपसी सहमति के खिलाफ है.’’

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 20 Jun 2020,08:03 AM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT