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कश्मीर के हालात बिगाड़ने वाले कदम का विरोध करेंगे-UNHRC में चीन
क्विंट हिंदी
दुनिया
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कश्मीर के हालात बिगाड़ने वाले कदम का विरोध करेंगे-UNHRC में चीन
(फोटो: ANI)
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जेनेवा में जारी UNHRC के सत्र में चीन ने जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर अपना पक्षा रखा है. चीन ने कहा है कि वो ऐसे किसी भी कदम का विरोध करता है जो एकतरफा हो और कश्मीर में हालात को खराब करने का जिम्मेदार है. यूनाइटेड नेशंस ह्यूमन राइट्स काउंसिल में चीन की प्रतिनिधि ने कहा, ''कश्मीर को ध्यान में रखते हुए चीन ऐसे किसी भी एकतरफे फैसले का विरोध करता है जो कश्मीर के हालातों को और ज्यादा उलझा दे और तनाव पैदा कर दे. हमें उम्मीद है कि दोनों पक्ष इस मसले पर संयम बरतेंगे और आगे और तनाव पैदा नहीं करेंगे.''
OHCHR की रिपोर्ट का हवाला देते हुए चीन की प्रतिनिधि ने कहा कश्मीर के लोगों के मानवाधिकारों का सम्मान होना चाहिए और उनके मानवाधिकार सुनिश्चित किए जाने चाहिए. रविवार को चीन और पाकिस्तान की ओर से जारी साझा बयान में भी कुछ ऐसा ही कहा गया था. हालांकि, बाद में भारत ने बयान जारी कर कहा था कि कश्मीर पर जो भी फैसला लिया गया है वो भारत का अंदरूनी मामला है.
UNHRC में भारत पाक आमने-सामने
जेनेवा में भारत की विदेश सचिव ने कहा, “कश्मीर पूरी तरह भारत का आतंरिक मामला है. कोई देश अपने आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप स्वीकार नहीं करेगा, निश्चित रूप से भारत भी नहीं. मानवाधिकार उल्लंघन पर पाकिस्तान के आरोप बेबुनियाद हैं. पाकिस्तान झूठ की फैक्ट्री चला रहा है. कश्मीर में हालात सामान्य हो रहे हैं, वहां से धीरे-धीरे पाबंदियां हटाई जा रही हैं.”
‘‘हमारी सरकार सामाजिक-आर्थिक समानता और न्याय को बढ़ावा देने के लिए प्रगतिशील नीतियों को अपनाकर सकारात्मक कार्रवाई कर रही है. अब तमाम प्रगतिशील नीतियां जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के नागरिकों के लिए भी पूरी तरह से लागू होंगी. ये लिंग भेदभाव को खत्म करने में मदद करेगा.’’
सचिव, विदेश मंत्रालय, भारत
पाक ने भारत पर लगाया था मानवाधिकारों के हनन का आरोप
पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने UNHRC में भारत पर कश्मीर में ह्यूमन राइट्स के उल्लंघन का आरोप लगाया. कुरैशी ने कहा,
‘‘भारत को कश्मीर में पैलट गन का इस्तेमाल और खूनखराबा रोकना चाहिए. घाटी में जो कर्फ्यू लगाया गया है, उसे वापस लेना चाहिए. कश्मीर में कम्यूनिकेशन ब्लैकआउट को वापस लेना चाहिए. लोगों से उनके जो मूलभूत अधिकार छीन लिए गए हैं, वो उन्हें वापस मिलने चाहिए. नजरबंद किए गए स्थानीय नेताओं को रिहा किया जाना चाहिए.’’
शाह महमूद कुरैशी (विदेश मंत्री, पाकिस्तान)
पाकिस्तान ने मंगलवार को 115 पेज के झूठ के पुलिंदे के साथ UNHRC में कश्मीर की स्थिति को लेकर भारत पर आरोप लगाए.
पाकिस्तान ने ये आरोप भारत पर लगाए-
कश्मीर भारत का आतंरिक मुद्दा नहीं है. कश्मीर में कब्रिस्तान जैसी खामोशी छाई हुई है.
जम्मू-कश्मीर के लोगों के मूलभूत अधिकारों को भारत ने रौंद दिया है.
कश्मीर के लोग लगातार मौलिक स्वतंत्रता के उल्लंघनों का शिकार हो रहे हैं.
जम्मू-कश्मीर में सेना के 7 से 10 लाख जवान तैनात हैं. भारत ने पिछले एक महीने में जम्मू-कश्मीर को दुनिया का सबसे बड़ा कैदखाना बना दिया है.
कश्मीर में 6 हजार से ज्यादा नेता, सामाजिक कार्यकर्ता, स्टूडेंट्स गिरफ्तार किए गए हैं.
कुरैशी ने कहा कि दक्षिण एशिया में परमाणु युद्ध की आशंकाओं को टालना होगा.
कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन करने वालों को दंडित किया जाए
कुरैशी ने मांग की कि ऑफिस ऑफ हाई कमिश्नर जम्मू-कश्मीर की स्थितियों की पड़ताल करे
पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने मांग की कि मानवाधिकार संगठनों और अंतररराष्ट्रीय मीडिया को कश्मीर जाने दे