advertisement
चीन ने मंगलवार को एक चौंकाने वाला कदम उठाते हुए अमेरिका जाने वाले अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की है. चीन ने अपने नागरिकों को चेतावनी देते हुए कहा है कि उनके और अमेरिका के बीच कारोबारी तनाव काफी बढ़ गया है, जिसकी वजह से चीनी नागरिक अमेरिका में उत्पीड़न और सार्वजनिक सुरक्षा का शिकार हो सकते है.
चीन की नागरिकों को ये चेतावनी छात्रों को पढ़ाई के लिए अमेरिका ना जाने के लिए आगाह करने के एक दिन बाद आई है.
चीन के संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय ने मंगलवार को अमेरिका जाने वाले चीनी नागरिकों के लिए अलर्ट जारी किया है. उनका मानना है कि इससे अमेरिकी टूरिज्म इंडस्ट्री बुरी तरह से प्रभावित होगी. मंत्रालय ने हाल ही में अमेरिका में हुई गोलीबारी, लूटपाट और चोरी की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए चीनी पर्यटकों को अमेरिका की यात्रा के जोखिमों का पूरी तरह से आकलन करने की चेतावनी दी है.
चीनी पर्यटकों को सार्वजनिक सुरक्षा की स्थिति और पर्यटन स्थलों से संबंधित कानूनों और नियमों के बारे में जानकारी के लेने के लिए कहा गया है. ये यात्रा चेतावनी इस साल के अंत तक जारी रहेगी.
पिछले साल अमेरिका में चीनी पर्यटकों की संख्या में 15 साल में पहली बार गिरावट देखने को मिली. दोनों देशों के बीच पिछले एक साल से ट्रेड वॉर छिड़ी हुई है. हाल के महीनों में टकराव बढ़ा है क्योंकि वॉशिंगटन ने चीनी टेलीकॉम कंपनी हुआवेई पर व्यापार प्रतिबंधों को कड़ा कर दिया है.
अमेरिका की यात्रा के अलर्ट का बचाव करते हुए, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने मीडिया से बातचीत में कहा कि 'चीन ने मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए यह फैसला लिया.' बढ़ते व्यापार युद्ध पर गेंग ने कहा-
उन्होंने कहा कि चीन ने छात्रों को लेकर भी चेतावनी जारी की थी.
कारोबारी तनाव के बीच चीन ने अमेरिका में पढ़ने की चाहत रखने वाले अपने छात्रों को भी आगाह किया है. चीन ने कहा है कि अमेरिका जाकर वे किसी खतरे में पड़ सकते हैं. चीनी सरकार ने छात्रों और शिक्षकों से कहा है कि अमेरिकी की ओर से उन्हें वीजा देने से मना किया जा सकता है या वीजा देने में देरी की जा सकती है.
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, साल 1998 से अब तक करीब 4.58 मिलियन चीनी पढ़ाई करने के लिए विदेश गए हैं और उनमें से 3.22 मिलियन वापस आ गए हैं. लगभग 3.63 लाख चीनी छात्रों ने पिछले साल अमेरिका में पढ़ाई करने के लिए दाखिला लिया था.
चीन ने यह चेतावनी ऐसे समय पर जारी की है, जब दोनों देशों में कारोबारी तनाव दूर करने के लिए हो रही बातचीत में गतिरोध आ गया है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)