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‘चमगादड़ कोरोना वायरस सैंपल थे, पर वो महामारी फैलाने वाले नहीं थे’

लैब से वायरस के लीक होने की खबरों को डायरेक्टर ने झुठला दिया

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‘चमगादड़ कोरोना वायरस सैंपल थे, पर वो महामारी फैलाने वाले नहीं थे’
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‘चमगादड़ कोरोना वायरस सैंपल थे, पर वो महामारी फैलाने वाले नहीं थे’
(प्रतीकात्मक फोटो: iStock) 

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कोरोना वायरस के दुनियाभर में 50 लाख से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समेत कई लोग महामारी के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराते हैं. ट्रंप दावा करते हैं कि नॉवेल कोरोना वायरस चीन के वुहान की एक लैब से आया है. अब इस लैब की डायरेक्टर ने इन सब आरोपों पर जवाब दिया है. डायरेक्टर का कहना है कि लैब में चमगादड़ कोरोना वायरस के तीन जिंदा स्ट्रेन हैं, लेकिन वो महामारी फैलाने वाले नॉवेल वायरस से नहीं मिलते.

वैज्ञानिकों का मानना है कि COVID-19 का वायरस चमगादड़ों में पैदा हुआ और फिर दूसरे स्तनधारियों के जरिए इंसानों में आ गया.

वुहान इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की डायरेक्टर वांग यांयी ने चीन के ब्रॉडकास्टर CGTN को बताया है कि डोनाल्ड ट्रंप समेत बाकी लोगों के दावे में कोई सच नहीं है. लैब से वायरस के लीक होने की खबरों को डायरेक्टर ने झुठला दिया.

लैब में चमगादड़ों से कुछ कोरोना वायरस आइसोलेट किए गए थे. हमारे पास तीन जिंदा स्ट्रेन हैं. लेकिन उन सभी की SARS-CoV-2 से समानता सिर्फ 79.8 फीसदी ही है.  
वांग यांयी, वुहान इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की डायरेक्टर

SARS-CoV-2 वायरस से ही COVID-19 होता है.

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'30 दिसंबर को पहली बार नॉवेल कोरोना वायरस मिला'

लैब का कहना है कि उनके पास नॉवेल कोरोना वायरस का सैंपल पहली बार 30 दिसंबर को आया था. लैब ने 2 जनवरी को वायरस के जीनोम सीक्वेंस का पता लगाया और अपनी जानकारी 11 जनवरी को WHO को भेज दी.

लैब की डायरेक्टर ने कहा कि दिसंबर से पहले उनकी टीम ने नॉवेल कोरोना वायरस को स्टडी नहीं किया था. डायरेक्टर ने कहा, "सभी की तरह हमें भी इस वायरस के मौजूद होने का नहीं पता था. जब ये वायरस हमारे पास था ही नहीं, तो लैब से लीक कैसे हो सकता है."

डोनाल्ड ट्रंप के अलावा अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो भी कोरोना वायरस के इस लैब से आने का दावा कर चुके हैं. हालांकि WHO का कहना है कि वाशिंगटन से इस दावे के समर्थन में कोई 'सबूत' नहीं दिया गया है.

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