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चीनी वैज्ञानिकों ने 7 फरवरी को कहा कि चीन में घातक कोरोनावायरस फैलने के लिए पैंगोलिन जिम्मेदार हो सकता है. वैज्ञानिकों का कहना है कि संक्रमित व्यक्तियों का जीनोम सीक्वेंस पैंगोलिन से अलग किए गए जीनोम से 99 फीसदी मिलता जुलता है.
साउथ चाइना एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों के नेतृत्व में शोधकर्ताओं के एक दल की तरफ से की गई रिसर्च के मुताबिक, पैंगोलिन से अलग किया गया कोरोनावायरस का जीनोम सीक्वेंस संक्रमित व्यक्तियों के जीनोम सीक्वेंस से 99 फीसदी मिलता जुलता है. शोध के मुताबिक, पैंगोलिन के शरीर से वायरस फैलने की आशंका हो सकती है.
यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष लिउ यहोंग के मुताबिक शोध कर रहे दल ने जंगली पशुओं के जीनोम के एक हजार नमूनों का विश्लेषण किया और पाया कि पैंगोलिन से कोरोनावायरस के फैलने की आशंका सबसे ज्यादा है. बता दें कि कोरोनावायरस फैलने के बाद उसकी उत्पत्ति को लेकर पशु पक्षी चर्चा के केंद्र में हैं.
शोध दल के सदस्य और यूनिवर्सिटी में प्राध्यापक शेन योंगयी ने कहा कि पहले हुए शोध में पाया गया था कि चमगादड़ों में कोरोनावायरस की उत्पत्ति हुई लेकिन सर्दियों में चमगादड़ शीतनिद्रा में चले जाते हैं इसलिए उनसे सीधे तौर पर इंसानों में वायरस फैलने की आशंका ना के बराबर है. उन्होंने कहा कि उनका काम वायरस को चमगादड़ से इंसानों तक पहुंचाने वाले जीव का पता लगाना है और पैंगोलिन ऐसा ही एक जीव हो सकता है.
चीन में कोरोनावायरस की वजह से अब तक 722 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कन्फर्म मामलों की संख्या 34,546 तक पहुंच चुकी है.
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